कोलकाता : पार्टी विरोधी बयान व गतिविधियों के मद्देनजर माकपा राज्य कमेटी के पार्टी के राज्यसभा के निलंबित सांसद ऋतव्रत बंद्योपाध्याय को पार्टी से निकालने के फैसला पर माकपा पोलित ब्यूरो ने अपनी मुहर लगा दी है. हालांकि वह राज्यसभा के निर्दल सदस्य बने रहेंगे. उल्लेखनीय है कि बुधवार को माकपा राज्य कमेटी की बैठक में श्री बंद्योपाध्याय को पार्टी से निकालने का फैसला किया था और इस बाबत राज्य कमेटी की ओर से माकपा केंद्रीय कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया था.
अक्तूबर में माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक प्रस्तावित है. माकपा राज्य कमेटी केंद्रीय कमेटी से उस पर अंतिम फैसला लेने की सिफारिश की थी, लेकिन माकपा का सर्वोच्च नेतृत्व इस मामले में विलंब नहीं करना चाहता था. इस कारण शुक्रवार नयी दिल्ली में माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य व अन्य राज्यों में माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्यों ने आपसी सहमति से श्री बंद्योपाध्याय को पार्टी से निकालने की माकपा राज्य कमेटी के फैसले को स्वीकृति दे दी.
अक्तूबर में प्रस्तावित माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक में माकपा पोलित ब्यूरो के फैसले के संबंध में सूचित कर दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अगस्त में श्री बंद्योपाध्याय को राज्य कमेटी की सदस्यता से आठ अगस्त को हटा दिया था. इसके पहले दो अगस्त को तीन सदस्यीय कमेटी ने उनके विलासपूर्ण जीवन पर एक रिपोर्ट सौंपी थी. उसके बाद उन्हें पार्टी से तीन माह के लिए निलंबित कर दिया गया था. श्री बंद्योपाध्याय के मांट ब्लांक पेन तथा एप्पल स्मार्ट वाच की तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वह विवाद में आये थे.
उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए माकपा के केंद्रीय कमेटी के नेता व सांसद मोहम्मद सलीम के नेतृत्व में एक कमीशन का गठन किया गया था. राज्य कमेटी सदस्य मदन घोष व राज्य सचिवालय के सदस्य मृदुल दे इस कमेटी के सदस्य थे. लेकिन दो दिन पहले श्री बंद्योपाध्याय ने एक निजी टेलीविजन को दिये गये साक्षात्कार में कमीशन व मोहम्मद सलीम सहित पार्टी पर कई आरोप लगाये थे तथा पार्टी के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी. श्री बंद्योपाध्याय के साक्षात्कार जारी होने के बाद से ही माकपा में खलबली मच गयी थी. उसके बाद ही श्री बंद्योपाध्याय को पार्टी से निकालने का निर्णय किया गया था.