इससे पहले ग्रीन ट्राइब्यूनल अदालत के निर्देशानुसार सिंचाई विभाग व सिलीगुड़ी नगर निगम ने संयुक्त रूप से महानंदा नदी किनारे से अवैध कब्जा हटाओ अभियान शुरू किया. शनिवार सुबह मजिस्ट्रेट सुबीर चटर्जी के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया. सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 1 और 3 के महानंदा नदी किनारे अभियान चलाया. नदी किनारे बसे 40 से अधिक घरों व खटालों पर बुलडोजर चलाकार हटा दिया गया. अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की अनचाही घटना या तनाव को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी.
घरों पर चले बुलडोजर से गुस्साए लोगों ने सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो पर रुपये लेकर लोगो को नदी किनारे बसाने का आरोप लगाया. स्थानीय एक महिला आशा राय व प्रेमानंद साहू ने बताया कि पिछले काफी समय से वे लोग इस इलाके में रह रहे हैं. नदी किनारे घर बना कर रहने के लिए वार्ड पार्षद राम भजन महतो ने ही कहा था. इसके लिए उन्होंने लोगो से 5 हजार से 20 हजार रुपए तक लिये हैं. इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगो का आरोप है कि इस अभियान की कोई अग्रिम जानकारी भी नहीं दी गई थी. सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से भी नदी किनारे बने अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस जारी नही किया गया. अचानक अभियान चलाकर लोगो का घर तोड़ दिया गया. कई परिवार खुले आसमान के नीचे दिन गुजारने को मजबूर है. घर में रखे पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बच्चों की पढ़ाई लिखाई से जुड़े सर्टिफिकेट व अन्य कागजात भी घर के साथ नष्ट हो गए.
इस संबंध में मजिस्ट्रेट समीर चटर्जी ने बताया कि अदालत के निर्देशानुसार दो महीने पहले नदी किनारे अवैध रूप से घर बना कर रहने वालों को को नोटिस दिया गया था. नोटिस के बाद भी अवैध कब्जा नहीं छोड़ने पर बाध्य होकर आज अभियान चलाया गया. सिलीगुड़ी नगर निगम के इंजीनियर दीपक दास ने बताया कि नदी किनारे अवैध रूप से घर बना कर रहने वालों को कई बार नोटिस दिया. लेकिन ये लोग अवैध दखल को छोड़ना नही चाहते हैं. इससे पहले भी निगम ने एक बार नदी किनारे को अवैध निर्माण से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया था. कुछ दिन बाद ही फिर से लोगों ने घर बना लिया. आज पुलिस प्रशासन और सिंचाई विभाग के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया है.