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अप्रैल में ही संपन्न हो सकते हैं बंगाल चुनाव, जानें अब तक कब-कब हुआ है मतदान

West Bengal Election 2021 Date: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 तय समय से पहले हो सकता है. बंगाल में मार्च से जून के बीच चुनाव कराये जाते रहे हैं. वर्ष 1952 में पहली बार 31 मार्च को विधानसभा का गठन हुआ था, तो आखिरी बार वर्ष 2016 में 25 मई को. इसलिए 25 मई तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो सकती थी, लेकिन सीबीएसई की बोर्ड की परीक्षाओं की वजह से इस बार चुनाव पहले कराये जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है. Bengal News, Bengal Chunav News, Bengal Vidhan sabha seat, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021, बंगाल चुनाव 2021, बंगाल चुनाव कब है, बंगाल चुनाव 2021 डेट, BJP Party News, TMC Party News, Congress Party News

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 तय समय से पहले हो सकता है. बंगाल में मार्च से जून के बीच चुनाव कराये जाते रहे हैं. वर्ष 1952 में पहली बार 31 मार्च को विधानसभा का गठन हुआ था, तो आखिरी बार वर्ष 2016 में 25 मई को. इसलिए 25 मई तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो सकती थी, लेकिन सीबीएसई की बोर्ड की परीक्षाओं की वजह से इस बार चुनाव पहले कराये जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है.

पश्चिम बंगाल में अब तक 16 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं. 17वें विधानसभा चुनाव की घोषणा इसी सप्ताह होने की उम्मीद जतायी जा रही है. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने साफ कह दिया है कि समय बहुत कम है. इसलिए मतदान केंद्रों पर जो भी व्यवस्था की जानी है, उसे जल्द से जल्द पूरा कर लें.

चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों के तबादले का दौर भी शुरू हो चुका है. पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के तीन अधिकारियों का तबादला किया जा चुका है. उनकी जगह जल्दी ही तीन लोगों को नियुक्त किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का एलान कर दिया है. परीक्षाएं मई में शुरू हो जायेंगी और जून तक चलेंगी. इसलिए बंगाल समेत सभी राज्यों के चुनाव अप्रैल में ही संपन्न हो जाने की अधिक संभावना है.

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1952 से अब तक 16 बार हो चुके हैं बंगाल में चुनाव

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 1952 में 238 सीटों के लिए जनवरी में मतदान कराया गया था. पहली बार सदन में 240 विधायक (2 मनोनीत एंग्लो इंडियन सदस्य) बैठे. वर्ष 1956 में राज्य पुनर्गठन कानून लागू हुआ, तो सदस्यों की संख्या 251 (मनोनीत सदस्यों के साथ) हो गयी. विधानसभा का कार्यकाल 4 साल 9 महीने और 18 दिन का रहा.

बंगाल में दूसरी बार वर्ष 1957 में विधानसभा के चुनाव हुए. ये चुनाव मार्च में कराये गये. 6 अप्रैल को विधानसभा का गठन हुआ. इस बार 256 विधायक (4 मनोनीत सदस्य) सदन में बैठे. विधानसभा का कार्यकाल 4 वर्ष 8 महीने ओर 28 दिन का रहा.

तीसरी बार 1962 में फरवरी के महीने में चुनाव कराये गये. 3 मार्च, 1962 को विधानसभा का गठन हुआ. 4 मनोनीत एंग्लो इंडियन विधायकों समेत 256 सदस्यों वाली इस विधानसभा का कार्यकाल 4 साल 11 महीने और 18 दिन का रहा.

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बंगाल में 1967 में चौथी बार विधानसभा के चुनाव कराये गये. फरवरी महीने में चुनाव संपन्न हुए और विधानसभा का गठन 1 मार्च, 1967 को हुआ. बंगाल की जनता ने 280 विधायकों का चयन किया और एंग्लो इंडियन समुदाय के 4 लोगों को विधानसभा के लिए मनोनीत किया गया. इस तरह चौथी विधानसभा में सदस्यों की संख्या बढ़कर 284 हो गयी. इस सदन का कार्यकाल महज 11 महीने और 14 दिन का रहा.

बंगाल में शुरू हुआ मध्यावधि चुनाव का दौर

वर्ष 1969 के फरवरी महीने में बंगाल विधानसभा का पांचवां चुनाव संपन्न कराया गया. बंगाल में हुआ यह पहला मध्यावधि चुनाव था. 25 फरवरी को विधानसभा का गठन हुआ और 1 साल 4 महीने और 25 दिन के बाद यह सरकार गिर गयी. पांचवें विधानसभा चुनाव में 282 विधायक चुनकर सदन में पहुंचे, जबकि 2 एंग्लो एंडियन को सदस्य मनोनीत किया गया.

बंगाल में मार्च, 1971 में एक बार फिर मध्यावधि चुनाव हुआ. यह बंगाल का छठा विधानसभा चुनाव था. बंगाल की जनता ने 281 विधायकों को चुना और एक एंग्लो इंडियन को सदन का सदस्य मनोनीत किया गया. 2 अप्रैल को विधानसभा का गठन हुआ और 25 जून को इसे भंग कर दिया गया. इस तरह विधानसभा का कार्यकाल मात्र 1 महीना 23 दिन का रहा.

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दो मध्यावधि चुनावों के बाद मार्च, 1972 में बंगाल विधानसभा के चुनाव कराये गये. यह राज्य का सातवां चुनाव था. 20 मार्च को सदन का गठन हुआ 30 अप्रैल 1977 को सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद इसे भंग किया गया. पहली बार विधानसभा का कार्यकाल 5 साल से अधिक रहा. 5 साल 1 महीना और 7 दिन बाद सदन को भंग किया गया. इस सदन में 282 सदस्य (281+1 एंग्लो इंडियन) थे.

1971 के बाद कभी नहीं हुआ बंगाल में मध्यावधि चुनाव

वर्ष 1971 के बाद बंगाल में कभी मध्यावधि चुनाव नहीं हुए. जून, 1977 में 8वीं विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ. 21 जून को विधानसभा का गठन हुआ और 24 मई, 1982 को सदन को भंग किया गया. इस सरकार का कार्यकाल 4 वर्ष 11 महीने और 1 दिन का रहा. सदन में कुल सदस्यों की संख्या 295 पहुंच गयी. 294 लोग चुनकर आये और एक को मनोनीत किया गया.

नौवीं विधानसभा का चुनाव मई, 1982 में कराया गया. 24 मई को विधानसभा का गठन हुआ और 295 सदस्य सदन में पहुंचे. इसमें एक मनोनीत एंग्लो इंडियन सदस्य शामिल है. इस विधानसभा का कार्यकाल 4 साल 9 महीने और 17 दिन का रहा.

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बंगाल की 10वीं विधानसभा का चुनाव मार्च, 1987 में कराया गया. 30 मार्च को सदन का गठन किया गया. इस बार भी विधानसभा में सदस्यों की संख्या 295 ही थी, जिसमें एक मनोनीत एंग्लो इंडियन सदस्य शामिल है. 31 मार्च, 1991 को सदन को भंग किया गया. 10वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 वर्ष 10 महीने और 25 दिन का रहा.

जून, 1991 में 11वीं बार बंगाल में विधानसभा के चुनाव हुए. 19 जून को सदन का गठन हुआ और 16 मई, 1996 को इसे भंग किया गया. 295 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 4 साल 9 महीने और 28 दिन का रहा.

पश्चिम बंगाल में 12वीं बार मई, 1996 में विधानसभा के चुनाव हुए. 16 मई, 1996 को विधानसभा का गठन हुआ और 15 मई 2001 को इसे भंग कर दिया गया. 12वीं विधानसभा का कार्यकाल 4 साल 11 महीने 5 दिन का रहा. इस सदन में 295 (एक एंग्लो इंडियन मनोनीत सदस्य) विधायक थे.

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मई, 2001 में बंगाल में 13वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हुए. 15 मई, 2001 को विधानसभा का गठन हुआ और 4 साल 10 महीने एवं 29 दिन के बाद 13 मई 2006 को इसे भंग किया गया. सदन में 295 (एंग्लो इंडियन कम्युनिटी के मनोनीत सदस्य समेत) विधायक पहुंचे.

पहली बार कई चरणों में हुआ मतदान

बंगाल में पहली बार 6 चरणों में चुनाव कराये गये. 14वीं विधानसभा के गठन के लिए वर्ष 2006 में 17, 22 एवं 27 अप्रैल, 3, 8 एवं 17 मई को मतदान कराये गये. 13 मई को विधानसभा का गठन किया गया. 4 वर्ष 11 महीने और 3 दिन बाद 14 मई, 2011 को सदन को भंग किया गया.

वर्ष 2011 में एक बार फिर 6 चरणों में मतदान कराये गये. 18, 23, 27 अप्रैल के अलावा 3, 7 और 10 मई को लोगों ने मतदान किया. 14 मई को सदन का गठन हुआ और 5 साल 13 दिन बाद 25 मई, 2016 को विधानसभा को भंग कर दिया गया.

पहली बार 7 चरणों में हुआ मतदान

वर्ष 2016 में बंगाल में 16वीं बार विधानसभा चुनाव कराये गये. 7 चरणों (4, 11, 17, 21, 25, 30 अप्रैल और 5 मई 22016) में चुनाव कराये गये. 25 मई को सदन का गठन हुआ.

Posted By : Mithilesh Jha

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