बांकुड़ा.
जिले में हाथियों के तांडव से किसानों की हालत खराब हो गई है. बांकुड़ा उत्तर वन प्रभाग के बरजोड़ा और बेलियातोड़ रेंज में चार दिन पहले 71 हाथियों का झुंड घुस आया था. मंगलवार शाम को फुलबेरिया गांव में हाथियों के एक समूह ने करीब 150 बीघा अमन धान की जमीन बर्बाद कर दी. इसके विरोध में ग्रामीणों ने रात में बांकुड़ा-दुर्गापुर राज्य मार्ग संख्या 9 को जाम कर दिया, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. वन विभाग के हुल्ला दल और कर्मचारियों के मौके पर पहुंचने के बाद नाकाबंदी हटी, लेकिन तब तक खेतों में भारी नुकसान हो चुका था.किसानों का आरोप : वन विभाग लापरवाह, बीमा व मुआवजा अधर में
फुलबेरिया गांव के बिष्णु घोष ने बताया कि उनकी 20 बीघा जमीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. उनके साझेदारों की 80 बीघा जमीन पर भी यही हाल हुआ. किसान निमाई कुंभकार की 15 बीघा जमीन पर 10-12 हाथियों ने फसल रौंद डाली. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की उदासीनता के कारण यह नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि फसल बीमा और मुआवजा का लाभ भी नहीं मिला है, जिससे वे और संकट में हैं.स्थायी समाधान की मांग, संगठन ने दिया विरोध का अल्टीमेटम
संग्रामी गण मंच के जिला सचिव शुभ्रांग्शु मुखर्जी और अध्यक्ष पूर्णेंदु सरकार ने आरोप लगाया कि हाथियों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन स्थायी समाधान की पहल नहीं की जा रही. हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, पर किसानों और विस्थापितों को नाममात्र का मुआवजा दिया जाता है. संगठन ने चेतावनी दी है कि इस बार वन विभाग के खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. वन विभाग ने जानकारी दी कि जिले में इस समय कुल 71 हाथी हैं, जिनमें से 62 बरजोड़ा रेंज के पबाया, 7 कल्पैनी, एक जी घाटी रेंज के कल्लापुर और एक रधुरबैद इलाके में हैं. विभाग ने आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

