शिवशंकर ठाकुर, आसनसोल.
सेल आइएसपी बर्नपुर में 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण के कार्य को लेकर सिंडिकेट की सक्रियता से ठेकाप्राप्त कंपनियों में फैले आतंक को लेकर प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट की चहुंओर सराहना हो रही है. भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बर्नपुर त्रिवेणी मोड़ मैदान में आयोजित आम सभा को संबोधित करते समय प्रभात खबर में छपी यहां के सिंडिकेट-राज की खबर की प्रति को मंच से लहराते हुए लोगों को इससे अवगत कराया. जोर देते हुए कहा कि केंद्रीय संस्था के उद्योगों में सिंडिकेट-राज चलने नहीं दिया जायेगा. यहां जो भी कार्य होगा, प्रबंधन को वह संपूर्ण पारदर्शिता के साथ करना होगा. सिंडिकेट के आतंक से बुरी तरह प्रभावित कोलकाता की एक संस्था अभिज्ञान डीलकॉम प्राइवेट लिमिटेड ने प्रभात खबर में छपी इस खबर के लिए स्थानीय वरिष्ठ संपादक को पत्र लिखकर ऐसी निडर पत्रकारिता के लिए सराहना की. गौरतलब है कि सेल आइएसपी बर्नपुर इकाई के विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण के लिये केंद्र सरकार ने 35 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया है. यह कार्य 2029 तक पूरा करने की योजना के आधार पर कार्य शुरू किया गया है. सबसे पहले पाइलिंग के कार्य के लिए करीब 4600 करोड़ रुपये की निविदा जारी हुई है. अनेकों बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने इस कार्य का टेंडर प्राप्त किया है और इन संस्थाओं ने योग्यता के आधार पर कुछ छोटी कंपनियों को पेटी कांट्रेक्ट पर काम दिया है. ये कंपनियां काम करने के लिए सेल आइएसपी बर्नपुर में पहुंचने लगी है. इसी दौरान सिंडिकेट ने अपना खेल शुरू किया. मशीन लेकर आ रहे इनके वाहनों को प्लांट के बाहर ही रोक दिया और कर्मियों के साथ जमकर मारपीट करके यह संदेश दिया गया कि यहां काम करना है तो सिंडिकेट के माध्यम से आना होगा. आरोप है कि सिंडिकेट के साथ सेल आइएसपी के कुछ अफसर भी जुड़े हैं और वे लोग काम करने के लिए आनेवाली कंपनियों पर सिंडिकेट के साथ समझौता के लिए दवाब बना रहे हैं. यह आरोप लगाते हुए शिकायत भी हुई. सूत्रों के अनुसार एक दो कंपनियों ने डर से सिंडिकेट के साथ हाथ भी मिला लिया. कोलकाता की एक संस्था अभिज्ञान डीलकॉम प्राइवेट लिमिटेड, जिसने हुटनी प्रोजेक्ट एफएम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड से पेटी कांट्रेक्ट पर यहां साढ़े पांच करोड़ रुपये का एक काम लिया है, उसके प्रतिनिधि रिबू बोस ने इसके खिलाफ आवाज उठायी. लेकिन उनकी आवाज की कहीं सुनवायी नहीं हुई और लिखित शिकायत भी दर्ज नहीं हुआ.2025 : तीन बड़ी मुहिम पर प्रभात खबर को सफलता
डब्ल्यूबीसीएस (एक्जीक्यूटिव) परीक्षा में हिंदी, उर्दू और संताली भाषा को हटाने के राज्य सरकार के निर्देश के खिलाफ प्रभात खबर मई 2023 से मुहिम शुरू की. पूरे राज्य में यह एक जनांदोलन का रूप लिया और दो साल बाद आखिरकार सरकार ने अपना निर्णय वापस लिया. 28 मई 2025 को उक्त तीनों भाषाओं को डब्ल्यूबीसीएस (एक्जीक्यूटिव) परीक्षा में शामिल करने की घोषणा राज्य सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके किया. 18 जून 2025 इसे गैजेट नोटिफिकेशन के जरिये लागू कर दिया गया. पश्चिम बर्दवान जिला में लाइलाज रोग सिलिकोसिस को लेकर इस 21 दिसंबर 2024 से प्रभात खबर ने मुहिम शुरू किया. जिला प्रशासन की सक्रियता बढ़ी. सीलिकोसिस मरीजों को चिन्हित करने के लिए गांव-गांव में जांच शिविर लगनीं शुरू हुई. कारखानों में अधिकारियों ने दौरा शुरू किया. छह नये मरीज चिंहित हुए और नियमों की अनदेखी कर कारखाना चलाने के आरोप में पांच कारखानों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंद किया. एक पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा और पांच कारखानों की जांच रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेजी गयी है. अब सेल आइएसपी बर्नपुर में सिंडिकेट राज का मुद्दे को प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने संज्ञान में लेकर कार्रवाई की. भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी इस मुद्दे को लेकर इलाके में सभा की. जहां मंच से प्रभात खबर की प्रति उन्होंने लहरायी.
संपादक को भेजे गये पत्र में प्रभात खबर की भरपूर सराहना
अभिज्ञान डीलकॉम संस्था ने प्रभात खबर के स्थानीय वरिष्ठ संपादक को भेजे गये पत्र में लिखा कि सेल आइएसपी बर्नपुर में चल रहे सिंडिकेट के बारे में 23 अगस्त 25 और तीन सितंबर 25 को समाचार प्रकाशित करने में प्रभात खबर द्वारा दिखाए गये साहस और निष्ठा की हम सराहना करते हैं. आपके पहल से स्थानीय जनता सेल आइएसपी के कुछ अधिकारियों, पुलिस कर्मचारियों, राजनीतिक हस्तियों और विशेष ठेकेदार के सांठ-गांठ के बारे में अधिक जागरूक हुई है. हम आभारी हैं कि आपके सम्मानित समाचार पत्र ने इन सच्चाइयों को उजागर किया और उम्मीद है कि आप भविष्य में भी इसी तरह लेख प्रकाशित करके निडर पत्रकारिता के इस भावना को जारी रखेंगे.
प्रभात खबर से संपर्क करते ही बदल गया सबकुछ अनेक अधिकारियों का भी हुआ तबादला
विभिन्न जगह दौड़ने के बाद रिभू बोस ने प्रभात खबर से आकर संपर्क किया. प्रभात खबर ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और इसपर इसपर विस्तृत खबर प्रकाशित की. श्री बोस ने बताया कि खबर प्रकाशित होने के बाद काफी कुछ बदल गया. सेल आइएसपी में कुछ अधिकारियों का तबादला हुआ, पुलिस आयुक्त ने बैठक की. अभी फिलहाल सबकुछ सामान्य है.
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