पुरुलिया.
वर्षों से रेल शहर आद्रा विश्वकर्मा पूजा के लिए मशहूर है. रेलवे के विभिन्न विभागों की ओर से यहां विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया जाता रहा है. जहां विभिन्न तरह के कार्टून के माध्यम से रामायण से लेकर महाभारत या फिर पौराणिक धार्मिक तथ्यों के ऊपर पूजा का थीम दर्शाया जाता रहा है, पर धीरे-धीरे रेलवे के विभिन्न विभाग जैसे लोको शेड, कैरेज विभाग बंद हो चुके हैं. अधिकतर विभागों को छोटा कर दिया गया है. साथ ही रेल कर्मचारियों की संख्या भी घटती जा रही है. इससे इन दिनों पूजा में फर्क देखा गया है. पूजा का आकार अब छोटा होता जा रहा है पर इन दिनों 23 फीट के भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा सबका ध्यान खींच रही है. इस मूर्ति को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है, मूर्ति के पास ही मेला भी लगा है. कई स्थानों पर आज भी धार्मिक आधार पर मंडप का रूप दिया गया है. कई स्थानों पर आदिशिल्पी भगवान विश्वकर्मा को अपनी सवारी हाथी के साथ शिव को पूजते हुए भी दर्शाया गया है. आद्रा की ऐतिहासिक विश्वकर्मा पूजा को देखने ना केवल पुरुलिया जिले से बल्कि आसपास के जिले और पड़ोसी राज्य झारखंड से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन, आरपीएफ व जीआरपी की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

