आसनसोल. एसआइआर को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय में पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी एस. पोन्नमबलम ने महत्वपूर्ण संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने बताया कि शनिवार से पूरे प्रदेश के साथ-साथ जिले में भी हियरिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह हियरिंग केवल नो मैपिंग मामलों के लिए होगी, यानी एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने के दौरान जिन मतदाताओं के नाम के साथ 2002 की मतदाता सूची में किसी भी मतदाता का लिंक नहीं मिला है. नो मैपिंग मामलों के लिए सुनवाई
एस. पोन्नमबलम ने बताया कि जिले में ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 1.4 लाख है. इन्हीं मतदाताओं को हियरिंग के लिए बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को हियरिंग का नोटिस मिला है, यदि उनके मामले में 2002 के साथ लिंक मिल जाता है, तो ऐसे मामलों को ईआरओ मैपिंग केस के रूप में देखेंगे और उनसे किसी दस्तावेज की मांग नहीं की जाएगी.लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी पर अलग प्रक्रिया
जिलाधिकारी ने कहा कि लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी वाले मामलों को फिलहाल हियरिंग के लिए नहीं बुलाया जा रहा है. इस संबंध में चुनाव आयोग से अभी कोई अलग निर्देश नहीं मिला है. ऐसे मामलों का समाधान स्थानीय बीएलओ के माध्यम से किया जा रहा है. बीएलओ के मोबाइल में विशेष ऐप अपलोड किया गया है, जिसके जरिए वे अपने स्तर पर ही लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी का निपटारा कर रहे हैं.
42 केंद्रों पर होगी सुनवाई, सात फरवरी तक चलेगी प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर कुल 42 हियरिंग सेंटर बनाए गए हैं. इनमें पांडवेश्वर में पांच, दुर्गापुर पूर्व में छह, दुर्गापुर पश्चिम में पांच, रानीगंज में तीन, जामुडिया में पांच, आसनसोल दक्षिण में पांच, आसनसोल उत्तर में पांच, कुल्टी में पांच और बाराबनी में तीन केंद्र शामिल हैं. यह हियरिंग प्रक्रिया 7 फरवरी तक चलेगी.
फॉर्म 6 और फॉर्म 8 को लेकर निर्देश
एस. पोन्नमबलम ने कहा कि जिनकी उम्र 18 वर्ष पूरी हो चुकी है और जो 14 फरवरी को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में नाम जुड़वाना चाहते हैं, उन्हें फॉर्म 6 भरना होगा.
वहीं जिन मतदाताओं के नाम में किसी तरह की त्रुटि है, उन्हें फॉर्म 8 भरना होगा. उन्होंने यह भी बताया कि सभी राजनीतिक दलों को हियरिंग सेंटरों की जानकारी दे दी गई है. किस हियरिंग सेंटर पर कौन ईआरओ जाएगा, इसकी सूची भी जारी कर दी गई है. जिलाधिकारी ने दोहराया कि शनिवार से शुरू होने वाली हियरिंग केवल नो मैपिंग मामलों के लिए है, जबकि लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी से जुड़े मामलों का समाधान बीएलओ स्तर पर जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

