पुरुलिया.
जगन्नाथ किशोर महाविद्यालय, पुरुलिया के हिंदी विभाग ने ‘हिंदी : वर्तमान चुनौतियों का संदर्भ’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिंदी विश्वविद्यालय हावड़ा के पूर्व कुलपति एवं काजी नजरूल विश्वविद्यालय आसनसोल के प्रोफेसर (डॉ.) विजय कुमार भारती थे. अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. शांतनु चट्टोपाध्याय ने की. दीप प्रज्वलन से शुरू हुए इस आयोजन में काव्य पाठ, भाषण और निबंध लेखन प्रतियोगिता भी शामिल रही. कार्यक्रम छह सत्रों में संपन्न हुआ. शुरुआत में अतिथियों का स्वागत किया गया और हिंदी विभाग की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. काव्य पाठ में छात्राओं ने समाज और हिंदी की महत्ता पर रचनाएँ सुनाईं. इसके बाद विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ. ललित महतो ने हिंदी को भारतीय संस्कृति की आत्मा बताया. प्रो शांतनु चट्टोपाध्याय ने कहा कि सभी भाषाओं को सीखना और समृद्ध करना जरूरी है, जबकि प्रो. लोकेश पति ने हिंदी को देश की पहचान बताया. मुख्य वक्ता डॉ. विजय भारती ने कहा कि हिंदी वतन के बराबर है और इसमें डेढ़ लाख से अधिक शब्द हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हों. साथ ही उन्होंने हिंदी-उर्दू को एक ही भाषा मानते हुए बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन में बंगाल ने हिंदी को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई.समापन व प्रतियोगिताएं
संगोष्ठी का संचालन विभागाध्यक्ष डॉ रामजी प्रसाद और रीता जायसवाल ने किया. छात्राओं ने ‘हिंदी का वर्तमान परिप्रेक्ष्य’ और ‘हिंदी का महत्व’ पर भाषण दिये. अंतिम सत्र में निबंध लेखन प्रतियोगिता हुई. आयोजन में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भाग लिया.
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