संतोष विश्वकर्मा, बर्नपुर.
बोनस, एरियर सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर आगामी 20 सितंबर को दिल्ली में नेशनल ज्वॉइंट कमेटी फाॅर सेल(एनजेसीएस) की बैठक होनी है. जिसमें बोनस के मुद्दे पर चर्चा होगी. इंटक की आसनसोल आयरन एंड स्टील वर्कर्स यूनियन के पूर्व महासचिव और एनजेसीएस के सदस्य हरजीत सिंह ने बोनस के पुराने फॉर्मूले के बजाय नया फॉर्मूला पेश करने का तय किया है. इसकी रूपरेखा लगभग तैयार है. सेल-आइएसपी में बोनस मुद्दे को लेकर कामगारों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. अभी से ही यूनियन व प्रबंधन के बीच खींचतान का दौर शुरू हो चुका है. सेल आईएसपी सहित विभिन्न इकाइयों में यूनियन प्रतिनिधियों ने दुर्गापूजा के पूर्व बोनस की मांग किया है. पूजा के पहले कामगारों के बैंक खातों में बोनस की राशि डालनी होगी.फॉर्मूले में बदलाव की मांग
एनजेसीएस सदस्य हरजीत सिंह ने बताया कि बीते वर्ष सेल आईएसपी के सभी इकाइयों में स्थायी कर्मचारियों ग्रेड एस वन से ग्रेड 11 तक को 26500 तथा प्रशिक्षुओं को 12500 रुपये की राशि दी गयी थी. बीते तीन वर्ष से सेल प्रबंधन फार्मूला के तहत बाेनस का भुगतान कर रहा है. इस वर्ष उस फार्मूले में बदलाव की मांग हो रही है. यूनियन की अेार एक नया फार्मूला पेश किया जायेगा. लेकिन कुल मिलाकर यूनियन की मांग है कि इस वर्ष दुर्गापूजा में पिछले वर्ष से अधिक बोनस देना होगा.10 वर्षों के बोनस राशि का आंकड़ा
सेल आइएसपी कार्मिकों को वर्ष 2010 से लेकर 2014 तक 18400 रुपये बोनस मद के रूप में मिला था. जबकि 2015 में 9000 रुपये, वर्ष 2016 में 10000 रुपये, वर्ष 2017 में 11000 रुपये, वर्ष 2018 में 12000 रुपये, वर्ष 2019 में 15500 रुपये, वर्ष 2020 में 16500 रुपये, वर्ष 2021 में 21000 रुपये, वर्ष 2022 में दो किस्तों में 40500 रुपये, वर्ष 2023 में 23000 रुपये, वर्ष 2024 में 26500 रुपये का बोनस मिला था. जबकि वर्ष 2025 तथा 2025 में 40000 रुपये बोनस की मांग उठी थी.बढ़ा है सेल का प्रॉफिट मार्जिन
रिकॉर्ड प्रोडक्शन, बढ़ती लेबर प्रोडक्टिविटी, अन्य मदों में कटौती, घटते कर्ज के कारण सेल का अच्छा प्रॉफिट बना हुआ है. पिछले चार वर्षों से एक लाख करोड़ से ऊपर का टर्नओवर कंपनी की बेहतर स्थिति को प्रदर्शित करता है. इन सबके बावजूद पिछले वर्षों में कर्मचारियों को सम्मानजनक बोनस की राशि नहीं दी जा रही है. प्रबंधन द्वारा एक तरफा निर्णय लेकर कर्मचारियों के खाते में मामूली राशि डाल दी जाती है. इस कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा का वातावरण उत्पन्न हो जाता है.जो सेल जैसी महारत्न कंपनी के लिए विचारणीय है. यूनियन पदाधिकारियों का मानना है कि जब अन्य पब्लिक सेक्टर अपने कर्मचारियों को बेहतर बोनस देकर उनका हौसला बढ़ाती है, सेल आईएसपी तथा अन्य ईकाईयों में बेहतर परफॉर्मेंस को देखते हुए 60000 रुपये बोनस के रूप में दुर्गापूजा के पहले देने की मांग उठ रही है.
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