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बीडीओ संग ग्रामीणों की हुई बैठक, न्यू केंदा के तर्ज पर 5.30 लाख पुनर्वास पैकेज की मांग

बाराबनी थाना क्षेत्र के दोमुहानी ग्राम पंचायत के अधीन चरणपुर हाटतला गांव के लोगों ने न्यू केंदा ओसीपी के तर्ज पर साढ़े पांच लाख रुपये के पुनर्वास पैकेज की मांग करते हुए बाराबनी के बीडीओ को ज्ञापन सौंपा.

आसनसोल/रूपनारायणपुर.

बाराबनी थाना क्षेत्र के दोमुहानी ग्राम पंचायत के अधीन चरणपुर हाटतला गांव के लोगों ने न्यू केंदा ओसीपी के तर्ज पर साढ़े पांच लाख रुपये के पुनर्वास पैकेज की मांग करते हुए बाराबनी के बीडीओ को ज्ञापन सौंपा. बगैर पुनर्वास के ग्रामीणों को जबरन वहां से हटाने को लेकर उन पर किये जा रहे अत्याचार को मुद्दा बना कर एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े संगठन जॉइंट एक्शन कमेटी (जैक) ने शनिवार को जुलूस निकाला था. जिसे पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. स्थिति तब तनावपूर्ण हो गयी थी. इसी दौरान बाराबनी के बीडीओ विनायक कुमार (आइएएस) ने जैक के प्रतिनिधियों से अपील की थी उग्र आंदोलन ना करें. मामले को बैठक के जरिये सुलझाया जा सकता है. उनका कार्यालय खुला हुआ है, जब चाहे आकर बैठक कर सकते हैं. बीडीओ के अपील पर शनिवार आंदोलन समाप्त हुआ था. सोमवार को ग्रामीण प्रतिनिधियों ने आकर बीडीओ से बैठक की और अपनी मांगों का ज्ञापन उन्हें सौंपा. बीडीओ ने कहा कि यह मुद्दा वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है. उचित व्यवस्था की जायेगी. गौरतलब है कि इसीएल श्रीपुर सातग्राम एरिया के अधीन चरणपुर भनोड़ा ओसीपी बाराबनी थाना क्षेत्र में स्थित है. इस ओसीपी के किनारे चरनपुर हाटतला गांव है. यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि ओसीपी उनके घरों से 50 मीटर के दायरे तक पहुंच गया है. माइन्स चलने से उनके घरों को खतरा है. जिसके कारण आंदोलन करते हुए माइन्स को बंद किया गया था. लेकिन प्रबंधन ने जबरन माइन्स चालू कर दिया है. यह ओसीपी आउटसोर्सिंग में दिया गया है. जिसका नियंत्रण इलाके के कुछ दबंगों के हाथ में है. आठ सितंबर की रात को माइन्स चालू करने का विरोध करने पर दोनों पक्षों के मारपीट हुई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए. दोनों पक्षों की शिकायत के आधार पर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई. ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर इलाके जनांदोलन खड़ा कर दिया. ग्रामीणों के समर्थन में जैक उतरी और शनिवर गौरांडी रेलगेट से चरनपुर हाटतला जाने के लिए जुलूस निकाला गया, जिसे पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. इसी दौरान बीडीओ ने आंदोलनकारियों से बैठक के जरिये समस्या समाधान की अपील की. जिसके तहत सोमवार को बैठक हुई.

सरकारी व इसीएल की जमीन पर वर्षों से बसे लोगों को हटाना प्रबंधन के लिए चुनौती बना हुआ है

इसीएल के विभिन्न कोलियरियों में विस्तारीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. जिसे लेकर ओसीपी के किनारे बसे ग्रामीणों को हटाया जा रहा है. रैयती जमीन का मुआवजा तो समझौता के आधार पर देकर खाली करवा दिया जा रहा है. लेकिन सरकारी और इसीएल के जमीन पर वर्षों से बसे लोगों को हटाना प्रबंधन के लिए चुनौती बना हुआ है. सोमवार को बीडीओ को दिए गये ज्ञापन के ग्रामीणों ने कहा कि न्यू केंदा ओसीपी के विस्तारीकरण को लेकर वहां वर्षो से बसे लोगों को हटाने के लिए हर परिवार को साढ़े पांच लाख रुपये का पैकेज दिया गया. यह समझौता 15 फरवरी 2025 को हुआ था. इसी के तर्ज पर उनलोगों को भी जमीन खाली करने के लिए मुआवजा चाहिए. इससे पहले बेगुनिया कोलियरी के विस्तारीकरण को लेकर ओसीपी किनारे बसे लोगों को एक अलग बस्ती बनाकर शिफ्ट करने को लेकर 21 अगस्त 2023 को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ था. नये मकान नहीं बनने तक उन्हें किराए के मकान में रखने की बात समझौता में थी. जिसपर सालानपुर एरिया के महाप्रबंधक, बाराबनी थाना प्रभारी, जिला परिषद के कर्माध्यक्ष सहित अनेकों लोगों का हस्ताक्षर किया था. आरोप है कि प्रबंधन ने इस समझौते का भी पालन नहीं किया. जिसे लेकर भी सभी माइन्स एरिया में प्रभावित लोगों को गोलबंद करके वृहत आंदोलन की तैयारी चल रही है.

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