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आसनसोल उपमेयर ने एडीडीए पर लगाये आरोप, कहा पांच वर्षों में नहीं हुआ एक भी काम

आसनसोल नगर निगम की उपमेयर तबस्सुम आरा ने अपने ही सहयोगी विभाग व राज्य सरकार की स्टेट्यूटरी अथॉररिटी आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (एडीडीए) पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. तबस्सुम आरा ने नगर निगम कार्यालय के अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनके कार्यकाल के दौरान उनके ही वार्ड 63 में एडीडीए की ओर से एक भी विकास का कार्य नहीं किया गया. विकास कार्यों को लेकर लगातार चिट्ठी लिखने के बाद भी उन्हें एक जगह से दूसरे जगह सिर्फ घुमाया गया. जिसके कारण उनके वार्ड के लोग एडीडीए के विकास कार्यों से बंचित रहे. एडीडीए के चेयरमैन तापस बंधोपाध्याय ने इस विषय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

असनसोल : आसनसोल नगर निगम की उपमेयर तबस्सुम आरा ने अपने ही सहयोगी विभाग व राज्य सरकार की स्टेट्यूटरी अथॉररिटी आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (एडीडीए) पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. तबस्सुम आरा ने नगर निगम कार्यालय के अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनके कार्यकाल के दौरान उनके ही वार्ड 63 में एडीडीए की ओर से एक भी विकास का कार्य नहीं किया गया. विकास कार्यों को लेकर लगातार चिट्ठी लिखने के बाद भी उन्हें एक जगह से दूसरे जगह सिर्फ घुमाया गया. जिसके कारण उनके वार्ड के लोग एडीडीए के विकास कार्यों से बंचित रहे. एडीडीए के चेयरमैन तापस बंधोपाध्याय ने इस विषय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

बता दें कि पश्चिम बर्दवान जिला का पूरा इलाका एडीडीए के क्षेत्राधिकार में आता है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ एडीडीए भी अपने क्षेत्राधिकार में हर प्रकार की विकास कार्यों को अंजाम देती है. जिसके लिए एडीडीए अपने ओन फंड और सरकार से प्राप्त राशि का उपयोग करती है.

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दोनों व्यक्ति एक दूसरे के पाले में गेंद डाल देते हैं. इस विषय को लेकर आसनसोल नगर निगम के मेयर को भी पत्र लिखा गया. पत्र में यह भी जिक्र किया गया कि 63 नम्बर वार्ड में एडीडीए का कोई विकास कार्य नहीं होने से यह संदेह होने लगा है कि यह वार्ड एडीडीए के क्षेत्राधिकार में हैं या नहीं. इसके बावजूद भी कोई पहल नहीं हुई.

डेढ़ माह पूर्व जिला के चार नेताओं को जिला अध्यक्ष और जिला चेयरमैन ने संयुक्तरूप से कारण बताओ जारी किया किया था. जिसमें श्रीमती आरा भी शामिल थी. उनपर भ्रष्टाचार के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था. तबस्सुम आरा को उनके इलाके कुल्टी में पेयजल परियोजना के कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करने पर भी उन्होंने पार्टी के नेताओं पर पक्षपात का आरोप लगाया था.

मेयर के खिलाफ भी वह मुखर रही हैं और काफी आरोप लगा चुकी हैं. श्रीमति आरा द्वारा अपने ही पार्टी के नेताओं और सहयोगी विभाग पर पक्षपात का आरोप लगाने से तृणमूल में गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी है. उनका यह आरोप विपक्ष के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है.

Posted By: Pawan Singh

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