14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भैंसा लड़ाई पर रोक के विरोध में जिला कार्यालय पर किया प्रदर्शन

जिला मजिस्ट्रेट के नाम एडीएम को तीन सूत्री मांगपत्र सौंपा पुरुलिया : पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से काड़ा (भैंसा) लड़ाई पर रोक लगाने व सैकड़ों लोगों पर मामला दर्ज कराने के विरोध में बुधवार को मानभूम संस्कृति रक्षा समिति पुरुलिया के बैनर तले लोगों ने पुरुलिया जिला कार्यालय पर प्रदर्शन किया. जिला मजिस्ट्रेट तनमय […]

जिला मजिस्ट्रेट के नाम एडीएम को तीन सूत्री मांगपत्र सौंपा
पुरुलिया : पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से काड़ा (भैंसा) लड़ाई पर रोक लगाने व सैकड़ों लोगों पर मामला दर्ज कराने के विरोध में बुधवार को मानभूम संस्कृति रक्षा समिति पुरुलिया के बैनर तले लोगों ने पुरुलिया जिला कार्यालय पर प्रदर्शन किया. जिला मजिस्ट्रेट तनमय चक्रवर्ती के नाम कमेटी ने एडीएम को तीन सूत्री मांगपत्र सौंपा.
हमारी संस्कृति को हमसे दूर करने की साजिश: रामचंद्र
मुख्य अतिथि जुगसलाई (पूर्वी सिंहभूम, झारखंड) के विधायक रामचंद्र सिहस ने कहा भैंसा लड़ाई मानभूम व बाराभूम की प्राचीन संस्कृति से जुड़ी है. काड़ा (भैंसा) लड़ाई, मुर्गा लड़ाई, छऊ नृत्य, काठी नाच, पाता नाच, दशई नृत्य आदि हमारी प्राचीन संस्कृति से जुड़ी है. यही मानभूम, बाराभूम, सिंहभूम, धालभूम आदि क्षेत्र के रहने वालों की पहचान है. हमारी पहचान को हमसे दूर करने की साजिश की जा रही है. इस मामले में कानूनी रूप से संशोधन करने की जरूरत है. इसके लिये संबंधित सांसद व विधायक के सहयोग से आवाज बुलंद करनी होगी.
बंद नहीं होगी काड़ा लड़ाई : विनय
मानभूम संस्कृति रक्षा समिति के अध्यक्ष विनय कृष्ण महतो ने कहा कि काड़ा लड़ाई पूर्वजों की देन है. काड़ा व मुर्गा लड़ाई बंद कराकर हमारी संस्कृति हमसे छीनने की साजिश हो रही है. इसे बरदाश्त नहीं किया जायेगा. सरकार को काड़ा (भैसा) लड़ाई प्रेमियों पर जितना केस करना है करे, हम काड़ा लड़ाई कभी बंद नहीं करेंगे. मानभूम संस्कृति रक्षा समिति के कोषाध्यक्ष मीठू सिंह ने कहा िक हमने पूर्वजों की संस्कृति की रक्षा व मनोरंजन के लिए भैंसा लड़ाई कराते हैं. इसके खिलाफ प्रशासन ने पशु क्रूरता का मामला दर्ज कराया है. ऐसे में हम अपनी संस्कृति की रक्षा कैसे करेंगे. सरकार चाहे जिता केस करे, हम काड़ा लड़ाई बंद नहीं करेंगे.
पुरुलिया का नाम मानभूम जिला हो
मानभूम संस्कृति रक्षा समिति ने जिला मजिस्ट्रेट के नाम सौंपे मांगपत्र मेंपुरुलिया जिला नाम बदलकर मानभूम करने की मांग की. बांकुड़ा, पुरुलिया व मेदिनीपुर को झारखंड में शामिल करने और प्राचीन भाषा संस्कृति से जुड़ी भैंसा लड़ाई से कानूनी रोक हटाने की मांग की.
कार्यक्रम को कमेटी के अजीत महतो, अजय महतो, दुलाल महतो, शशांक महतो, श्याम कृष्ण महतो, अनिल प्रमाणिक, श्रीमंत मिश्र आदि ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में पुरुलिया, जयपुर, बड़ाबाजार, बांदवान, बोरो व आकड़ों, मानबाजार, बोराहबाजार, झारखंड के चांडिल, नीमडीह, पटमदा, बोड़ाम, कुकड़ू व चास ब्लॉक के लोग शामिल हुए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें