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गंदा शहर अपना: सही आंकड़े सर्वे टीम को नहीं मिलने से बनी शर्मसार स्थिति
आसनसोल : केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय द्वारा क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) के माध्यम से कराये गये स्वच्छ सव्रेक्षण सव्रे में देश में सर्वाधिक गंदा शहर की सूची में आसनसोल शहर का दूसरा स्थान होने की सूचना से आसनसोल नगर निगम प्रशासन व शहर के निवासियों को झकझोर कर रख दिया है. शहर के निवासी […]
आसनसोल : केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय द्वारा क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) के माध्यम से कराये गये स्वच्छ सव्रेक्षण सव्रे में देश में सर्वाधिक गंदा शहर की सूची में आसनसोल शहर का दूसरा स्थान होने की सूचना से आसनसोल नगर निगम प्रशासन व शहर के निवासियों को झकझोर कर रख दिया है. शहर के निवासी खुद को काफी अपमानित महसूस कर रहे है.
इधर नगम निगम सूत्रों का दावा है कि शहर में चल रही योजनआों का सही मूल्यांकन सही तरीके से न होने के काड़ण ही वह दूसरे स्थान पर चला गया.
निगम सूत्रों ने कहा कि कार्यो का डाटा पोर्टल में सही समय पर अपलोड नहीं होने से इसके कार्य सही तरीके से सामने नहीं आ सके. सौ से ज्यादा सामुदायिक शौचालय का निर्माण करने, एक हजार से अधिक खटाऊ शौचालय को बंद कर उनके स्थान पर आधुनिक सेप्टिक शौचालय बनाने तथा 50 हजार शौचालयों पर चल रहे कार्य के आंक ड़ों के आधार पर आसनसोल देश के स्वच्छ शहरों की सूची में टॉप ट्वेन्टी की सूची में अपना स्थान आसानी से बना सकता था.
उन्होंने कहा कि सव्रेक्षण सव्रे में क्यूसीआइ की 25 सदस्यीय टीम को प्रत्येक शहर के 42 लोकेशन का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी थी. आसनसोल शहर में भी टीम ने इन स्थलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर दी. जिसमें रेल स्टेशन, धार्मिक स्थल, बाजार, आवासीय क्षेत्र, शौचालय कम्प्लेक्स आदि स्थल शामिल थे. सर्वे में सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट के ळिए 60 फीसदी, शौचालय के लिए 30 फीसदी, सेनीटेशन स्ट्रेटजी और विहेवियर चेंज कम्यूनिकेशन के लिए पांच-पांच फीसदी अंक निर्धारित किये गये थे. यह दुर्भाग्य ही रहा कि इन मामलो में आसनसोल को काफी कम अंक मिले.
उन्होंने कहा कि जिन 73 शहरों का सव्रेक्षण कर स्वच्छ शहरों की सूची तैयार की गयी है, यदि निष्पक्षता के साथ उनका भ्रमण कर आसनसोल के साथ उनकी तुलना की जाये तो स्पष्ट दिखेगा कि सव्रेक्षण में आसनसोल के साथ न्याय नहीं किया गया है. उसके साथ पक्षपात किया गया है. शौचालय निर्माण के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्य तथा चल रही योजनाओं के आंक ड़ेपोर्टल में अपलोड न होने के कारण सही तस्वीर सामने नहीं आ सकी.
टीम के सदस्यों को निर्धारित 42 स्थलों का निरीक्षण सही तरीके से नहीं कराया जा सका. तकनीकी मामला यह रहा कि उसी समय आसनसोल नगर निगम में कुल्टी, रानीगंज व जामुड़िया नगरपालिकाओं का विलय किया गया था. सभी संबंधित आंक ड़ेआसनसोल नगर निगम कार्यालय तक नहीं पहुंच पाये थे. इसके साथ ही प्रत्येक वार्ड के दस-दस नागरिकों से फोन पर टीम सदस्यों को बात करनी थी. निगम के स्तर से उन्हें सभी नाम व टेलीफोन नंबर उपलब्ध करा दिये गये थे. इसके बाद भी उनके साथ कोई संपर्क नहीं किया गया.
मीडिया में इस खबर के जारी होने के बाद शहर के जागरूक नागरिक भी खुद को शर्मसार महसूस कर रहे हैं. उन्हें लगता है मानो पूरे देस में उन्हें नंगा कर दिया गया हो. इधर कई निगम अधिकारियों को रात को नींद नहीं आयी. उन्होंने कहा कि यदि इसे दृढ़ संकल्प में बदला जाये तो अगले सव्रे में आसनसोल की तस्वीक बदल सकती है.
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