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सांकतोड़िया : इसीएल अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है. इस चुनौतियों से निपटने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. उक्त बातें इसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक प्रेम सागर मिश्रा ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर डिसरगढ़ फुटबॉल मैदान में कहीं. मौके पर सीएमडी की धर्मपत्नी सह त्रिशक्ती महिला मंडल की […]

सांकतोड़िया : इसीएल अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है. इस चुनौतियों से निपटने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. उक्त बातें इसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक प्रेम सागर मिश्रा ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर डिसरगढ़ फुटबॉल मैदान में कहीं.

मौके पर सीएमडी की धर्मपत्नी सह त्रिशक्ती महिला मंडल की अध्यक्षा पूनम मिश्रा, तकनीकी निदेशक योजना परियोजना जयप्रकाश गुप्ता, उनकी धर्मपत्नी चंदा गुप्ता, निदेशक कार्मिक विनय रंजन, उनकी धर्मपत्नी रेणुका वर्मा, तकनीकी निदेशक संचालन बी. बीरा रेड्डी, उनकी धर्मपत्नी शोभा रेड्डी, मुख्य सतर्कता अधिकारी मुकेश कुमार मिश्रा, सीआइएसएफ के समादेष्टा मिथलेश कुमार, मुख्य सुरक्षा अधिकारी कैप्टन तन्मय दास, उनकी धर्मपत्नी सुष्मिता दास, सीएमडी के तकनीकी सचिव निलाद्रि राय, महाप्रबंधक प्रशासन पी.के. पात्रा सहित अन्य लोग मौजूद थे. सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, यह जानना जरूरी है.
दरअसल इस दिन ही हमारे देश को अपना संविधान मिला था. 26 जनवरी 1950 की सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था. संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया. यह संविधान ही है, जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.
2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था. उन्होनें कंपनी की हालत के बारे में कहा कि कंपनी को चालू वित्त वर्ष में 53.5 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य दिया गया है. दिए गए लक्ष्य के मुताबिक हम उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. जबकि उत्पादन, उत्पादकता संबंधी गतिविधियों में अभिवृद्धि के क्षेत्र में हम निरंतर अग्रसर हैं.
श्री मिश्रा ने कहा कि भूमिगत खदानों में भी मशीनीकरण किया जा रहा है, ताकि उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सके. इसीएल का गर्व कहे जाने वाली झांझरा परियोजना की उत्पादन क्षमता 3.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 5 मिलियन टन वार्षिक करने पर कार्य जोरशोर से चल रहा है. वहीं खुली खदानों को भी एक कदम आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है.
इसीएल की सबसे बड़ी परियोजना राजमहल है. जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 17 मिलियन टन है. उसको बढ़ाकर 23.8 मिलियन टन करने को लेकर पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही तक लक्ष्य के मुताबिक कोयला उत्पादन तथा प्रेषण के क्षेत्र में अच्छी खासी सकारात्मक वृद्धि हासिल हुई थी, परंतु दूसरी तिमाही में अपरिहार्य कारणों से उत्पादन एवं प्रेषण के क्षेत्र में बुरी तरह से पिछड़ गए हैं.
जिसके कारण नकारात्मक वृद्धि की ओर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे सहपाठी जी जान लगाकर मेहनत कर रहे थे, जिससे उम्मीद थी कि क्षति हुई कमी की भरपाई कर लेंगे. परंतु दुर्भाग्यवश विभिन्न समस्यायों के चलते आशानुरूप प्रदर्शन नहीं हो पाया. तीसरी तिमाही के अंत तक कोयला प्रेषण के क्षेत्र में 0.7 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि में है.
जबकि उत्पादन के क्षेत्र में 1.2 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि कंपनी को आगे बढा़ने को लेकर इसीएल में कई मिशन मोड बनाए गए हैं. इधर परेड में शामिल हुए तीन स्कूल के बच्चों द्वारा बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने तीनों स्कूलों को पांच-पांच हजार रुपए देने की घोषणा की.

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