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व्यवसायियों व चेंबर प्रतिनिधियों ने कहा, अवैध घुसपैठ पर रोक जरूरी

आसनसोल : प्रभात खबर कार्यालय में शुक्रवार को महानगर के व्यवसायियों व चेंबर प्रतिनिधियों को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें सीएए व एनआरसी को लेकर व्यवसायियों ने अपनी बातें रखीं. आंदोलन के नाम पर देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर सभी ने निंदा की. हालांकि इस मुद्दे पर सभी की […]

आसनसोल : प्रभात खबर कार्यालय में शुक्रवार को महानगर के व्यवसायियों व चेंबर प्रतिनिधियों को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें सीएए व एनआरसी को लेकर व्यवसायियों ने अपनी बातें रखीं. आंदोलन के नाम पर देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर सभी ने निंदा की. हालांकि इस मुद्दे पर सभी की राय अलग-अलग दिखी.

आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ सलाहकार आरएन यादव ने एनआरसी, सीएबी को देश में एक साथ लागू करने के सरकार के निर्णय को जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताते हुए इन कानून को देश में क्रमवार ढ़ंग से लागू करने का सुझाव दिया.
देश के कुछ राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शन एवं कुछ उपद्रवियों की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई. देश के कुछ राजनीतिज्ञों द्वारा इसका लाभ उठाकर देश के अल्प शिक्षित लोगों को गुमराह करने एवं भड़काने का आरोप लगाया. एनआरसी का समर्थन करते हुए कहा कि जिस कानून को देश की संसद ने पारित कर दिया है, उसका सम्मान सभी को करना चाहिए. उसका विरोध उचित नहीं है.
साथ ही उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई में मारे गये उपद्रवियों को एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा शहीद का दर्जा दिये जाने को दुर्भाग्यजनक करार दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में करदाताओं की अहम भूमिका को साझा करते हुए राष्ट्रीय संपत्ति को क्षतिग्रस्त किये जाने पर तीव्र विरोध जताया. उन्होंने कहा कि देश में विरोध प्रदर्शन और उपद्रव मचाने वाले कई ठेकेदार पैदा हो गये हैँ.
नियामतपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव गुरविंदर सिंह ने कहा कि आज देश बहुत ही प्रतिकूल हालात से गुजर रहा है. बेरोजगारी बढ़ रही है. जीडीपी लगातार गिरता जा रहा है. सरकार को पहले इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. ऐसे समय में इस तरह का कानून लाकर देश को अस्थिर करना कतई सही फैसला नहीं हो सकता है.
उन्होंने कहा कि देश में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए बोर्डर पर तैनात बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराया. एनआरसी एवं सीएए के विरोध प्रदर्शन में सरकारी संपत्ति को हुई क्षति के लिए सरकार द्वारा आरोपियों की संपत्ति जब्त करने के निर्णय पर कहा कि जाट आंदोलन एवं 1984 के सिख दंगों में सिखों की नृशंस हत्या और उनकी संपत्ति को हुई क्षति के लिए जिम्मेदार आरोपियों की संपत्ति क्यों नहीं जब्त की गयी.
आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव श्रवण अग्रवाल ने केंद्र सरकार पर रोज नये कानून लाने व जल्दबाजी में लागू करने का आरोप लगाया. उन्होंने सरकार पर देश की मूल समस्याओं की ओर ध्यान न देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार जीएसटी की दरों में बदलाव कर रही है. जिससे देश के व्यवसायियों को परेशानी हो रही है. उन्होंने सरकार पर देश की बुनियादी समस्याओं के समाधान की ओर पहल करने की मांग की.
आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के शंभुनाथ झा ने कहा कि भारत में हिंदू-मुसलमान सभी भाई के समान मित्रवत रहते आये हैं. आगे भी रहेंगे. उन्होंने एनआरसी का विरोध करने वाले विपक्ष से रोहिंग्या को भारत में बसाने के मुद्दे पर उनकी नीति स्पष्ट करने को कहा. उन्होंने कहा कि देश के व्यवसायी और नौकरीपेशा लोग जो अपनी मेहनत की कमाई से देश निर्माण में टैक्स देते हैँ. वे अपने टैक्स के पैसे से देश में रह रहे अवैध घुसपैठियों और रोहिंग्याओं पर खर्च को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देशों में एनआरसी का नियम लागू है. उन्होंने एनआरसी से देशवासियों को किसी प्रकार के नुकसान नहीं होने का दावा किया.
आसनसोल नॉर्थ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मंदीप सिंह लाली ने देशहित में सरकार को अच्छे निर्णय लेने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि बंटवारे के दौरान जो लोग देश में नहीं आ पाये. वे अगर आज आना चाहते हैँ तो उन्हें देश में प्रवेश करने का अवसर मिलना चाहिए.
उन्होंने देश में अवैध घुसपैठ को नियंत्रीत किये जाने का पूर्ण समर्थन किया. किसी मुद्दे पर असहमत नागरिकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन किया. लेकिन विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को क्षति किये जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि देशवासियों को एनआरसी और सीएए के बारे में सटीक जानकारी दी जानी चाहिए.
व्यवसायी दीपक अग्रवाल ने केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर लगातार विफल होने और विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए नये कानून लाने का आरोप लगाया. सरकार को देश की मूलभूत समस्याओं बेरोजगारी, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध पर नियंत्रण, जीएसटी नियंत्रण करने का प्रस्ताव दिया.
उन्होंने देश भर में प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों का कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा कि किसी मुद्दे पर असहमत नागरिकों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार जरूर है. परंतु सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गलत है.

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