आद्रा : गृहवधू की हत्या मामले में पुरुलिया जिला अदालत ने सास एवं ससुर को उम्रकैद की सजा सुनाई. शुक्रवार पुरुलिया जिला अदालत के अतिरिक्त सेशन कोर्ट के न्यायाधीश विष्णु चरण दास ने यह सजा सुनायी. इस मामले के विषय में सरकारी वकील गौतम चटर्जी ने बताया कि झारखंड के जमशेदपुर के सोनारी थाना की रहने वाली प्रतिमा दास का विवाह वर्ष 2010 में पुरुलिया जिले के बलरामपुर थाना अंतर्गत रफकांटा गांव के रहने वाले भास्कर दास से हुआ था.
इसके बाद से ही उसके परिवार वालों ने दहेज की मांग को लेकर लगातार प्रतिमा के साथ शारीरिक अत्याचार के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे. इसी दौरान 21 जनवरी वर्ष 2013 को प्रतिमा पूरी तरह से आग में जल गई. उसे पहले पुरुलिया सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में टाटा मेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद प्रतिमा के परिवार के लोगों ने पति भास्कर दास सहित सास संध्या रानी दास व ससुर श्यामसुंदर दास, जेठ एवं श्यामसुंदर दास की मां के खिलाफ हत्या का मामला बलरामपुर थाने में दर्ज कराया. इस मामले में शुक्रवार को अदालत ने पति व देवर को बरी कर दिया. जबकि मुकदमा चलने के दौरान दादी सास चंपा रानी की मौत हो गई.
अदालत ने ससुर श्यामसुंदर दास तथा सास संध्या रानी दास को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई एवं 50000 रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त उन्हें 6 महीने की सजा काटनी होगी.