झटका : सोदपुर क्षेत्र में घाटे की चार कोलियरियां बैजडीह, मिठानी, धेमोमेन इंक्लाइन, पारबेलिया होगी बंद
यूनियन प्रतिनिधियों ने किया दो लाख टन कोयला होने का दावा
महाप्रबंधक ने कहा- मात्र दो महीने की मोहलत, तबादले की अपील
सांकतोड़िया : सोदपुर एरिया की माउथडीह कोलियरी में कोयले की उपलब्धता की जांच करने के लिए यूनियनों के प्रतिनिधियों एवं प्रबंधन ने खदान का निरीक्षण किया तथा एरिया महाप्रबंधक को रिपोर्ट सौंपी. रतन मशीह (केकेएससी), बलराम पासवान (यूटीयूसी), जयंत मित्रा (एचएमएस), सीके सिंह (एटक), सुदर्शन प्रसाद (सीटू), कुलदीप महतो (केएमसी), दामोदर सिंह (टीयूसीसी), जितेंद्र सिंह (इंटक), इंद्राशन मिश्रा (केकेएससी), मोहम्मद मुख्तार (एचएमएस) शामिल थे.
यूनियनों का कहना है कि खदान में फॉलिंग कोयला 40 हजार टन है. उसे उठाने में एक वर्ष लग जायेगा. इसके साथ ही एमी 10 में 15 लेवल से 26 लेवल, 22 डीप से लेकर 35 डीप तक 36 हजार टन कोयला है. एमई 12 से 15 लेवल से 20 लेवल के 21 नंबर डीप में 36 हजार टन कोयला दस नंबर क्रॉस कट फाइव में 31 हजार टन तथा स्टेंडिंग पील्लर में 30 हजार टन कोयला रिजर्व है. कुल डेढ़ लाख टन कोयला रिजर्व है. कोयला मंत्रालय ने ही कहा था कि कोयला रहते हुए कोई खदान बंद नहीं होगा. सभी एरिया एवं कोलियरी जेसीसी सदस्यों ने महाप्रबंधक को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा.
महाप्रबंधक एस कुंडू ने कोलियरी के प्लान के आधार पर उनके साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि पैनल के लिए मार्च में ही मुख्यालय से अनुमति मांगी गई थी. लेकिन मंजूरी नहीं मिली. दो महीने से अधिक कोलियरी नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि सिर्फ माउथडीह कोलियरी ही नहीं, बैजडीह कोलियरी, मिठानी कोलियरी, धेमोमेन इंक्लाइन तथा पारबेलिया कोलियरी को भी बंद करने का आदेश मिला है. सबसे ज्यादा घाटा सोदपुर एरिया का ही है. माउथडीह कोलियरी में प्रति टन 25 हजार रूपये का घाटा हो रहा है. उन्होंने कोलियरी कर्मियों से मनपसंद खदानों में जाने का प्रस्ताव मांगा.