आसनसोल : आसनसोल नगर निगम हिंदी अकादमी ने बीएनआर स्थित रवींद्र भवन परिसर में बुधवार को कथाकार मुंशी प्रेमचंद जयंती पर ‘राष्ट्र और धर्म की अवधारणा और अंत:संबंध’ पर वरिष्ठ आलोचक एवं पत्रकार उर्मिलेश का एकल व्याख्यान आयोजित किया.
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आसनसोल : शब्दों व कर्म के बीच गैप समस्या की जड़
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम हिंदी अकादमी ने बीएनआर स्थित रवींद्र भवन परिसर में बुधवार को कथाकार मुंशी प्रेमचंद जयंती पर ‘राष्ट्र और धर्म की अवधारणा और अंत:संबंध’ पर वरिष्ठ आलोचक एवं पत्रकार उर्मिलेश का एकल व्याख्यान आयोजित किया. उद्घाटन मेयर जितेंद्र तिवारी, श्री उर्मिलेश, बीसी कॉलेज के प्रिंसिपल फाल्गुनी मुखर्जी, हिंदी अकादमी की अध्यक्ष […]
उद्घाटन मेयर जितेंद्र तिवारी, श्री उर्मिलेश, बीसी कॉलेज के प्रिंसिपल फाल्गुनी मुखर्जी, हिंदी अकादमी की अध्यक्ष सह पार्षद उमा सर्राफ, मेयर परिषद सदस्य (जलापूर्त्ति) पूर्णशशि राय, मेयर परिषद सदस्य (हेल्थ) दिवेन्दू भगत तथा नगर निगम की ऊर्दू अकादमी डॉ साबरा हिना खातून आदि ने किया. संचालन टीडीबी कॉलेज की शिक्षिका मीना सिंह ने किया.
श्री उर्मिलेश ने देश में राष्ट्र और धर्म को एक साथ जोडने को लेकर चल रहे प्रयासों को गलत बताते हुए इसे देश के लिए खतरनाक बताया. उन्होंने राष्ट्र और धर्म को संपूर्ण अलग बताते हुए इस तरह के अवधारणाओं को बल देने वाले ताकतों से देश के सामाजिक संरचना को नुकसान पहुंचाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र और धर्म को भारत में इतनी तरह से परिभाषित किया जा रहा है कि देशवासी इससे असमंजस की स्थिति में पड गये हैं. उन्होंने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजेंस को लागू कर दूसरों को बाहरी बताने वालों को खुद देश का प्रवासी बताया. वर्ण व्यवस्था को समाप्त करने के लिए पहल करने की बात कही.
उन्होंने प्रेमचंद जयंती पर खुद को कवि काजी नजरूल की जन्म भूमि पहुंचा हुआ पाकर गोर्वांवित महसूस करते हुए खुद को भाग्यशाली बताया. समाज के सुधी एवं संवेदी लोगों द्वारा बहुत से संवेदनशील और गलत मुद्दों पर भी चुप्पी साधने को उन्होंने खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्यों के कहे गये शब्दों और कर्म के बीच बढ़ती गहराई ही अधिकांश समस्याओं की जड़ है.
वर्तमान समय में राष्ट्र और धर्म की अवधारणा को बदले जाने और राष्ट्र और धर्म को नये ढंग से परिभाषित किये जाने से देश में अंर्तद्वंद की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कथाकार प्रेमचंद एवं कवि नजरूल के समय में देशवासियों की ज्ञान पिपासा देश को गढ़ने की थी परंतु इस दौर के लोग अपने मूल लक्ष्य से भटक गये हैँ.
उन्होंने वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचना के विस्फोट के नाम पर पहुंचाये जाने वाले तथ्यों और ज्ञान को भ्रामक बताते हुए इसे कुछ ताकतवर लोगों द्वारा वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर जनता तक परोसने की साजिश कहा. उन्होंने दुखपूर्वक कहा कि जब देश में उन्नाव की दुष्कर्म पीडिता के परिजन की हत्या और उसके परिजनों पर हमला होता है. उस समय उसे सुर्खियों में न लाकर डिजाईनर मीडिया तीन तलाक को चर्चा का विषय बनाते हैँ.
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के अन्य राष्ट्रों से बहुत अलग हैँ और इसे गंभीरता से समझने की जरूरत है. उन्होने भारत को बेहतर ढंग से परिभाषित करते हुए अलग-अलग राष्ट्रों का मिश्रित संघिय ढांचा बताया. भारत राष्ट्र को समझने के लिए देश के पौराणिक ग्रंथों के अध्ययन को अनिवार्य बताया.
भारत को इजराइल जैसे एक जाति, धर्म, भाषा से अलग अमेरिका, स्पेन, नीदरलैंड, ब्राजिल जैसे बहु संस्कृतियों वाला देश बताया. उन्होंने कहा कि जिस जम्मू-कश्मीर के सुलगने के लिए लोग जवाहर लाल नेहरू को कोसते रहते हैँ.
पंडित जवाहर लाल नेहरू, वीपी मेनन, शेख मोहम्मद अब्दूल्ला, ओर महाराजा हरी सिंह के प्रयासों से ही भारत का हिस्सा है. उन्होंने राष्ट्र और धर्म को अलग बताते हुए राष्ट्र की अवधारणा की बात कहने वालों को राष्ट्र और धर्म को एक साथ न जोड़ने की बात कही. ऐसे लोगों के विनाशकारी सोच से राष्ट्र और धर्म के ध्वस्त होने की बात कही.
मेयर जितेंद्र तिवारी ने पूरी दुनिया को दो हिस्सों में बंटने की बात कही. एक हिंस्से में संसाधन संपन्न और दूसरे हिस्से में दैनिक जीवन यापन के लिए संघर्षरत लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं देश और समाज के ऐसे ही दबे-कुचले और शोषित लोगों को लेकर थी. उन्होंने साहित्यिक लोगों को ऐसे दबे शोषितों की आवाज बनने की बात कही. कथाकार सृंजय ने उर्मिलेश का परिचय कराया तथा आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डाला.
हिंदी अकादमी के सचिव मनोज यादव, आस्था के अध्यक्ष मनोहर लाल पटेल, नियामतपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव गुरविंदर सिंह, बैचेन सिंह, नवीन चंद्र सिंह, विमल जलान, प्रताप सिंह, मुकेश झा आदि उपस्थित थे. समारोह में जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के अध्यापकों, शिक्षकों, समाज के बुद्धिजीवियों ने भागीदारी की. अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें आलोचक श्री उर्मिलेश जी ने पूछे प्रश्नों के उत्तर दिये.
पश्चिम बर्दवान जिले के चिकित्सक रहे हड़ताल पर
आसनसोल. लोक सभा में पास हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को सभी चिकित्सक एकदिवसीय हड़ताल में शामिल हुए.
जिले के कई निजी चिकित्सकों ने अपने चेंबरों में चिकित्सा सेवा बंद रखकर आइएमए को समर्थन दिया. सेनरेले रोड स्थित आइएमए आसनसोल शाखा के अध्यक्ष डॉ अजय सेन ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाया गया यह बिल मेडिकल काउंसिल के कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देशों में बदलाव ला सकता है.
उन्होंने कहा कि इस बिल से देश के 3.5 लाख से ज्यादा गैर एमबीबीएस लोगों को भी लाइसेंस देकर मरीजों के लिए सभी प्रकार के दवा लिखने और इलाज का अधिकार दिया जायेगा. अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डाक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के जिम्मे थी. लेकिन अब नये बिल से कई गैर जरूरी बदलव लाये जायेंगे.
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