कारखाना प्रबंधन ने मृतक दोनों श्रमिकों के दाहसंस्कार को दिए 75-75 हजार रुपये
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हादसे में घायल एक और श्रमिक की हुई मौत, भाजपा ने किया प्रदर्शन
कारखाना प्रबंधन ने मृतक दोनों श्रमिकों के दाहसंस्कार को दिए 75-75 हजार रुपये श्रमिकों ने कारखाना प्रबंधन पर सेफ्टी के नियमों को ताक पर रखने का लगाया आरोप एक जून को ब्लास्ट फर्नेस में हुई दुर्घटना में चार श्रमिक हुए थे घायल, दो इलाजरत नितुरि. नितुरिया के गढ़पंचकोट पहाड़ की गोद में स्थापित शाकम्बरी इस्पात […]
श्रमिकों ने कारखाना प्रबंधन पर सेफ्टी के नियमों को ताक पर रखने का लगाया आरोप
एक जून को ब्लास्ट फर्नेस में हुई दुर्घटना में चार श्रमिक हुए थे घायल, दो इलाजरत
नितुरि. नितुरिया के गढ़पंचकोट पहाड़ की गोद में स्थापित शाकम्बरी इस्पात एंड पावर लिमिटेड नामक स्पंज आयरन कारखाना के श्रमिक की मौत के बाद सोमवार की रात मृत श्रमिक के आश्रित को मुआवजे देने की मांग को लेकर भाजपा और उसके श्रम संगठन के लोगों ने कारखाना गेट के बाहर प्रदर्शन किया.
प्रबंधन और भाजपा के कर्मियों के बीच हुई बैठक के बाद फिलहाल कारखाना प्रबंधन ने मृतक के दाह संस्कार के लिए तत्काल 75000 रुपया देने का एलान किया. इसके अलावा पांच जुलाई को मुआवजे की मांग पर बैठक कर अंतिम फैसला लेने की बात कही. इसके बाद भाजपा का प्रदर्शन समाप्त हुआ. शाकम्बरी इस्पात एंड पावर लिमिटेड कारखाने में बीते एक जून को ब्लास्ट फर्नांस में हुई दुर्घटना में चार श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन्हें दुर्गापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इनमें दो की मौत हो गई है जबकि दो अभी भी इलाजरत हैं. इस बीच सोमवार को घायल श्रमिक मनोज तुरी की मौत हो गई जिसको लेकर श्रमिको ने कारखाना गेट के सामने हंगामा शुरू कर दिया. बाद में भाजपा के लोगो भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए.
मृतक मनोज तूरी झारखंड के देवघर जिले के देवीपुर थाना क्षेत्र के नवाडीह का रहने वाला था. श्रमिक की मौत को लेकर श्रमिक प्रतिनिधियों और परिजनों ने शाकम्भरी इस्पात एंड पावर लिमिटेड कारखाने के समक्ष शव के साथ मुआवजे और श्रमिक के आश्रित को कारखाने में नौकरी की मांग पर देर रात तक जोरदार प्रदर्शन किया. बाद में श्रमिक प्रतिनिधियों, श्रमिकों के परिजन और कारखाना प्रबंधन के साथ बैठक की गई जिसमें मारे गए दोनों श्रमिकों के परिजनों को दाह संस्कार क्रिया कर्म हेतु 75-75 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई.
इधर मुआवजे के तौर पर दोनों श्रमिकों के लिए परिजनों ने दस-दस लाख दिए जाने की मांग किया है. इधर प्रबंधन के श्रमिक विरोधी नीतियों से श्रमिकों में भी रोष साफ देखा जा रहा है. श्रमिको का कहना है कि प्रबंधन के लोग सेफ्टी के नियमों को ताक पर रखकर काम करवाते हैं. उनका सिर्फ एक ही मकसद उत्पादन में वृद्धि करना और इसके लिए वो श्रमिको पर मानसिक अत्याचार करते है. इस कारण इस तरह की घटनाएं आए दिन घटती रहती है.
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