आद्रा : स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर अभिभावकों व छात्रों ने प्रदर्शन किया. बाद में वहां मौजूद शिक्षकों के समझाए जाने पर लोग शांत हुए. उनके साथ भाजपा नेता भी शामिल रहे. नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के पास कट मनी वसूलने के अलावा और कोई कार्य नहीं है. वहीं अभिभावकों का कहना है कि जिले के सबसे पुराने पुरुलिया जिला स्कूल में इन दिनों शिक्षकों के अभाव के कारण पठन-पाठन पूरी तरह से बंदी के कगार पर है.
1853 में स्थापित इस स्कूल के नाम और यश के कारण पूरे राज्य में इसकी अपनी एक पहचान है. इस स्कूल से माध्यमिक या उच्च माध्यमिक के छात्रों ने अपनी सफलता का परचम शिखर तक पहुंचाया है. जिले के एकमात्र छात्रों का पूर्ण रूप से सरकारी स्कूल की दयनीय हालत पर अभिभावकों ने चिंता जाहिर की है. अभिभावकों का दावा है इस स्कूल में मॉर्निंग शिफ्ट में कक्षा एक से पांच तक के छात्र पढ़ते हैं, पर इन दिनों इसके लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं है.
मात्र तीन शिक्षक ही सैकड़ों की तादाद में छात्रों को पढ़ाते हैं. इस कारण कभी-कभी एक साथ अन्य क्लास के छात्र को भी पढ़ाना पड़ता है. इससे पढ़ाई में काफी असुविधा हो रही है. छात्र ठीक से पठन-पाठन नहीं कर पा रहे हैं. यहां तक कि अधिक शिक्षक ना होने के कारण छात्र या तो बाहर खेलते रहते हैं या फिर जल्दी छुट्टी दे दिया जाता है. बुधवार को अभिभावकों की इस असुविधा को देखते हुए भाजपा नेता सत्यजीत अधिकारी तथा विवेक रंगा जिला स्कूल पहुंचकर वहां के टीचर इन चार्ट से समस्या के बारे में जानकारी ली.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कट मनी वसूलने के सिवा और कुछ नहीं कर पा रही है. अपने नेताओं से उनका भरोसा उठ गया है. यहां की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. शिक्षकों की बहाली बरसों से बंद है. ऐसे में जिला के एकमात्र पूर्ण रूप से सरकारी मान्यता प्राप्त जिला स्कूल में इन दिनों शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन पूरी तरह से बंद के कगार पर हैं. हम चाहते हैं कि स्कूल में छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की बहाली की जाए ताकि जिला का यह गौरवशाली स्कूल अपना गौरव प्राप्त कर सके.