सामूहिक बैठक में स्थानीय भाजपा नेताओं ने किया सामूहिक विरोध
राज्य के प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष को पत्र लिख कर जताया रोष
रूपनारायणपुर : दो दिन पहले माकपा नेता मनोज तिवारी के नेतृत्व में सीटू समर्थकों के भाजपा में शामिल होने पर सालानपुर प्रखण्ड के भाजपा नेताओं ने गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने पार्टी जिला अध्यक्ष लखन घडुई और राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष को पत्र लिखा है. मंगलवार को सालानपुर प्रखण्ड के बांसकेटिया कम्यूनिटी हॉल में भाजपा कर्मियों की बैठक में सर्वसम्मति से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के बाद पत्र भेजा गया.
बैठक में सालानपुर मंडल एक के अध्यक्ष गोपाल राय, मंडल दो के अध्यक्ष उज्ज्वल मंडल, एससी मोर्चा मंडल एक के अध्यक्ष गौतम वाद्यकर, ओबीसी मोर्चा मंडल एक के अध्यक्ष विश्वनाथ दास, युवा मोर्चा मंडल एक के अध्यक्ष गिरिधर गोराई, ओबीसी मोर्चा मंडल दो के अध्यक्ष बादल पात्र, जिला कमेटी के सदस्य मनु राय, शुभाशीष भट्टाचार्य, बादल पाल, एसटी मोर्चा जिला कमेटी के सदस्य विप्लव मरांडी, बाराबनी विधानसभा चुनाव कमेटी के सदस्य जितेन रजवार आदि उपस्थित थे.
सनद रहे कि दो दिन पूर्व दुर्गापुर में आयोजित कार्यक्रम में माकपा बाराबनी एरिया कमेटी के सदस्य सह सीटू राज्य कमेटी के सदस्य मनोज तिवारी अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए. सांसद एसएस अहलुवालिया तथा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष वहां मौजूद थे. इस घटना को लेकर इलाके के भाजपा कर्मियों में भारी नाराजगी है.
मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर बांसकेटिया कम्युनिटी हॉल में बैठक हुयी. बैठक में कार्यकर्ताओं ने श्री तिवारी के योगदान को लेकर भारी नाराजगी जताई. उनका आरोप था कि जिस नेता ने माकपा में रहते हुए भाजपा कर्मियों पर चरम अत्याचार किया था. उस नेता को भाजपा में क्यों शामिल किया गया? 32 वर्षों में जो नेता माकपा का नहीं हो पाया, वह भाजपा का क्या होगा? यह नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए भाजपा में शामिल हुआ है. इसके भाजपा में शामिल होने से भाजपा मजबूत होने के बजाय कमजोर होगी. तृणमूल ने जो गलती की थी. वही गलती भाजपा भी कर रही है.
राज्य में भाजपा के ताकतवर होते ही सभी नेता अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए इसमें आ रहे हैं. इसपर नियंत्रण लगाना होगा. उन्होंने कहा कि किसी भी इलाके से किसी भी व्यक्ति को पार्टी में शामिल करने से पहले अंचल कमेटी और मंडल कमेटी से विचार करने के बाद ही उसे पार्टी में लेने या न लेने का निर्णय लिया जाय. श्री तिवारी के जॉइनिंग पर पुनर्विचार किया जाये. इस मुद्दे पर श्री तिवारी ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि इस विरोध का कोई औचित्य नहीं है.