आसनसोल : श्रमिक संगठन सीटू की अध्यक्ष के हेमलता ने कहा कि केंद्र में भाजपा नीत सरकार देश के ज्वलंत मुद्दों को दरकिनार कर साम्प्रदायिक गतिविधियों से सत्ता में लौटना चाहती है. जो किसी भी धर्म निरपेक्ष देश के लिए सबसे ज्यादा घातक है.
जिन मुद्दों को लेकर देशभर में 172 श्रमिक संगठनों ने दो दिवसीय हड़ताल की, उन्ही मुद्दों को लेकर जनता के पास जाना होगा और इन मुद्दों पर सभी को लेकर लगातार आवाज उठानी होगी. वे बुधवार को रविन्द्र भवन में सीटू जिला कमेटी आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रही थी. अध्यक्षता जिला अध्यक्ष विनय कृष्ण चक्रवर्ती ने की.
पूर्व सांसद सह जिला सचिव वंशगोपाल चौधरी, पूर्व सांसद जीवन राय, जिला कमेटी सदस्य जीके श्रीवास्तव, कृषक सभा जिला कमेटी के नुरुल इस्लाम, विधायक जहांआरा खान, विधायक रुनु दत्त, विधायक संतोष देबराय आदि उपस्थित थे.
सुश्री हेमलता ने कहा कि बुनियादी जरूरत के सामानों पर बेतहासा मूल्यबृद्धि को नियंत्रित करने में सरकार नाकाम रही है. नित्य जरूरी की सामानों का आयात बन्द करने, रोजगार सृजन को कर सुनियोजित परियोजना तैयार कर बेकरी दूर करने, सभी मौलिक श्रम कानून को लागू करना, श्रम कानून की उपेक्षा करने वालों को कठोर सजा देने, श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपया करने, सभी श्रमजीवी श्रमिकों के अवकाश ग्रहण के बाद न्यूनतम छह हजार रुपया पेंशन देने, स्थायी कार्य मे ठेकेदारी प्रथा बन्द करने, समान कार्य का समान मजदूरी सहित सभी सुविधा देने, बोनस, प्रोविडेंड फंड, ग्रेच्यूएटी में सीलिंग को वापस लेना,
आवेदन के 45 दिन के अंदर ट्रेड यूनियनों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना, आईएलओ कन्वेंशन संख्या 87 व 98 की स्वीकृति तत्काल देना, श्रमिक हित में विरोधी श्रम कानून का संसोधन बंद करना और रेलवे, बीमा तथा रक्षा के क्षेत्र में विदेशी विनिवेश बंद करने की मांग को लेकर दो दिवसीय हड़ताल हुई थी. .
इस हड़ताल की सफलता ने यह साबित किया है कि यह मांगे जायज है. इन्ही मांगों को लेकर एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा. पूर्व सांसद बंशगोपाल चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के बदौलत आसनसोल और दुर्गापुर शिल्पांचल रूग्ण हो गया है. एचसीएल, बर्न स्टैंडर्ड जैसी देश की सबसे अहम संस्थाओं को बंद करने से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 40 हजार लोग बेकार हुए. इन सभी मुद्दों को लेकर जनता को एकजुट करना होगा.