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आसनसोल : परिसर में सीएसइएसपीपी सेंटर का उद्घाटन

आसनसोल : काजी नजरूल यूनिवर्सिटी (केएनयू) के प्रशासनिक भवन स्थित सभागार कक्ष में सेंटर फॉर स्टडीज इन इथिक्स एंड सोशियों पोलिटिकल फिलोस्फी केंद्र का उदघाटन समारोह आयोजित हुआ. उदघाटन कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती, रजिस्ट्रार शितांशू गुहा, कला संकाय के डीन सह हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार भारती, जादवपुर यूनिवर्सिटी के फिलोस्फी विभाग के प्रो. […]

आसनसोल : काजी नजरूल यूनिवर्सिटी (केएनयू) के प्रशासनिक भवन स्थित सभागार कक्ष में सेंटर फॉर स्टडीज इन इथिक्स एंड सोशियों पोलिटिकल फिलोस्फी केंद्र का उदघाटन समारोह आयोजित हुआ.
उदघाटन कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती, रजिस्ट्रार शितांशू गुहा, कला संकाय के डीन सह हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार भारती, जादवपुर यूनिवर्सिटी के फिलोस्फी विभाग के प्रो. डॉ समर कुमार मंडल, सिद्धु कान्हू बिरसा यूनिवर्सिटी के फिलोस्फी विभाग के प्रो. डॉ राजकुमार मोदक ने किया.
कुलपति डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि यूनिवर्सिटी के विधाचर्चा भवन में नये सेंटर फॉर स्टडीज इन इथिक्स एंड सोशियो पोलिटिकल फिलोस्फी का शुभारंभ किया गया है. सेंटर में कार्यशालाओं का आयोजन, गवेषणा कार्य, सेमिनार संगोष्ठियां, जागरूकता एवं प्रेरणामूलक कार्यक्रम आयोजित कर स्टूडेंटस के बीच मानवीय मूल्यों, सामाजिक प्रतिबद्धता एवं राष्ट्र भक्ति के भाव जागृत किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्यों के बिना देश और समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है.
उन्होंने यूनिवर्सिटी के सभी विभागीय अध्यापकों एवं स्टूडेंटस से सेंटर के विकास में योगदान का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मनुष्यों में एक दूसरे के बीच हर मुद्दे पर स्वस्थ आलोचना एवं तर्कसंगत परिचर्चा अनिवार्य है. इससे अंतर्द्वंद्व, मतभेद एवं आपसी टकराव की स्थिति को टाला जा सकता है.
शासक एवं जनता, राजनीतिज्ञ एवं नागरिक, नियोक्ता एवं कर्मचारियों के बीच भी असहमति के मुद्दों पर आपसी परिचर्चा से उसका समाधान करना चाहिए. अन्यथा असहमत वर्ग के लोग उस प्रशासक के खिलाफ मौन खिलाफत शुरू कर देते हैँ. जिससे उसका ढांचागत पतन आरंभ हो जाता है.
प्रो. देवनाथ ने कहा कि वर्तमान समाज में उचित और यथोचित का महत्व कम गया है. सारी सुविधाएं, ऐशो आराम और अपना हित तो चाहते हैँ परंतु लक्ष्य प्राप्ति के लिए किस मार्ग पर चलें, इसे महत्व नहीं देते हैँ. कुछ लोग अपने कामनाओं की पूर्ति के लिए शॉर्टकट के रास्ते को चुनते हैँ. जिसका परिणाम भी उन्हीं को भुगतना पडता है.
लेक्चरर सेशन के बाद आयोजित पूछताछ सत्र में अतिथि लेक्चरर ने स्टूडेंटस के पूछे गये प्रश्नों के जवाब दिये. सेंटर कमेटी का गठन किया गया. कुलपति डॉ चक्रवर्ती को मुख्य संरक्षक, यूनिवर्सिटी के फिलोस्फी के विभागाध्यक्ष डॉ कल्याण बनर्जी को संयोजक, पोलिटिकल साइंस के सहायक प्रोफेसर कुणाल देबनाथ को संयुक्त संयोजक, फिलोस्फी विभाग के सहायक प्रोफेसर शेख अब्दुल हलीम को उप संयोजक, फिलोस्फी विभाग के सहायक प्रोफेसर भावेश गायन को उप संयोजक बनाया गया.

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