कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की निलंबित विधायक शिखा मित्रा का पार्टी नेतृत्व पर हमला जारी है. मंगलवार को उन्होंने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए चिटफंड कंपनी सारधा के घोटाले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की.
संवाददाताओं से बातचीत में तृणमूल सांसद सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा का कहना था कि बात-बात में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, विपक्ष में रहने के दौरान सीबीआइ जांच की मांग करती थीं. लेकिन अब वह सारधा मामले पर खामोश क्यों हैं. सीबीआइ जांच की मांग कई हलकों से उठ रही हैं. हम भी यही चाहते हैं. तो आखिर वह (ममता) सीबीआइ जांच क्यों नहीं चाहतीं. उन्हें डर किस बात का है.
श्रीमती मित्रा का कहना था कि मुख्यमंत्री को अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए मामले की सीबीआइ जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह देखकर सभी अवाक हैं कि यदि कोई भ्रष्टाचार करता है तो उसका राज्य में प्रमोशन हो रहा है. वहीं यदि कोई अपना काम ठीक तरीके से करता है तो उसका डिमोशन (पदावनत) हो जाता है. सिलीगुड़ी में यही देखने को मिला. वहां के पुलिस कमिश्नर को इसका ही सामना करना पड़ा. राज्य में कोई भलीभांति जीवनयापन नहीं कर सकता.
सोमेन का राजनीतिक कैरियर खत्म करने की साजिश
श्रीमती मित्रा का कहना था कि वह सरकार की चापलूसी नहीं कर सकतीं. इसलिए उन्हें दरकिनार कर दिया गया है. सरकार की साजिश सोमेन मित्रा के राजनीतिक कैरियर को समाप्त कर देने की है. लेकिन ऐसा कभी भी नहीं हो सकता. इधर सुरेंद्रनाथ इवनिंग व मॉर्निग कॉलेज की गवर्निग बॉडी को भंग किये जाने के फैसले का भी उन्होंने जोरदार विरोध जताया. श्रीमती मित्रा यहां गवर्निग बॉडी की प्रमुख हैं. उनका कहना था कि इस तरह से गवर्निग बॉडी को भंग करना अवैध है. अब शिक्षा जगत में भी राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक तृणमूल सांसद सोमेन मित्रा अपनी पत्नी शिखा मित्रा के साथ जनवरी महीने में ही तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.