कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भारी पराजय के बाद भाकपा (माओवादी) के महासचिव मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति ने कोलकाता के छात्रों व बुद्धिजीवियों पर अपनी नजर गड़ाई है. उसका मानना है कि राज्य व देश में माओवादी आंदोलन को फिर से मजबूत करने में इससे मदद मिलेगी.
गणपति ने अपनी पार्टी के नेताओं को 17 पेज का एक पत्र लिखा है, जिसका शीर्षक ‘ब्रीफ पॉलिटिकल रिपोर्ट ऑफ लास्ट फाइव इयर्स’ है. इसमें उसका कहना है कि भले ही लालगढ़ आंदोलन अस्थायी तौर पर पीछे हट गया हो, उसके नेताओं ने समूचे मानव जाति को दासता से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया. कोलकाता के छात्रों व बुद्धिजीवियों के आंदोलन की भूमिका का भी देश में मौजूदा क्रांतिकारी व लोकतांत्रिक आंदोलन में महत्व है.
उल्लेखनीय है कि लालगढ़ आंदोलन में बुद्धिजीवियों के एकजुट का समर्थन देखा गया था. इसके तहत जुलूस निकाले गये, संवाददाता सम्मेलन आयोजित हुए और कई नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाये गये थे. कोलकाता के विद्यार्थियों से की गयी गणपति की अपील के संबंध में एक वरीय खुफिया अधिकारी का कहना है कि वह जानते हैं कि अपने आंदोलन को जंगल महल में फिर से पुनर्जीवित करने के लिए माओवादी कोलकाता के विद्यार्थियों व बुद्धिजीवियों पर अपनी आस लगाये बैठे हैं.
इसके अलावा, उन्हें उम्मीद है कि विद्यार्थी व बुद्धिजीवी राज्य के अन्य स्थानों में भी पार्टी के नेटवर्क को फिर से तैयार कर सकते हैं. लिहाजा कई विद्यार्थियों व बुद्धिजीवियों पर उनकी पैनी नजर है. माओवादियों के किसी भी कदम को रोकने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं. उनकी नजर यूनाइटेड स्टूडेंट्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूएसडीएफ) के कुछ विद्यार्थियों पर है, जिन्होंने लालगढ़ आंदोलन में बड़ी भूमिका निभायी थी. पुलिस के रडार पर यादवपुर विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर भी हैं.