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दिनहाटा में 12 गिरफ्तार बड़ी संख्या में हथियार जब्त

दिनहाटा : दिनहाटा महकमा के सिताई में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों में संघर्ष की घटना पर आखिरकार पुलिस प्रशासन ने सख्त रवैया दिखाया और इलाके में अभियान चलाकर 12 लोगों को गिरफ्तार किया. इस दौरान बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किये गये. गुरुवार को जिला पुलिस अधीक्षक भोलनाथ पांडे ने संवाददाता सम्मेलन करके […]

दिनहाटा : दिनहाटा महकमा के सिताई में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों में संघर्ष की घटना पर आखिरकार पुलिस प्रशासन ने सख्त रवैया दिखाया और इलाके में अभियान चलाकर 12 लोगों को गिरफ्तार किया. इस दौरान बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किये गये. गुरुवार को जिला पुलिस अधीक्षक भोलनाथ पांडे ने संवाददाता सम्मेलन करके यह जानकारी दी.
गिरफ्तार 12 लोगों में से चार का चेहरा ढककर संवाददाता सम्मेलन में लाया गया. इस दौरान पुलिस ने बरामद कुछ हथियार भी मीडियाकर्मियों के सामने प्रदर्शित किये. बरामद हथियारों में चार सिंगल शॉट पिस्तौल, पांच कुल्हाड़ी, पांच तलवार, 25 तीर, कई बम और सात बोरा तोड़े हुए पत्थर शामिल हैं. इसके अलावा 18 मोटरसाइकिलों को भी जब्त किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने घटना का संबंध राजनीति से होने से इनकार किया.
गुरुवार को सभी गिरफ्तार आरोपियों को दिनहाटा महकमा अदालत में पेश किया गया. सरकारी वकील जकारिया हुसेन ने बताया कि अदालत ने सभी आरोपियों को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर दिया है. इनके खिलाफ आर्म्स एक्ट, सरकारी संपत्ति नष्ट करने व अन्य धाराएं लगायी गयी हैं. युवा तृणमूल समर्थकों ने दिनहाटा अदालत के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि युवा तृणमूल के लोगों को एकतरफा ढंग से फंसाया गया है.
पुलिस अधीक्षक भोलानाथ पांडे ने कहा कि गिरफ्तार लोग इलाके में आपराधिक छवि के हैं. रिमांड पर लेकर इनसे पूछताछ की जायेगी. वह लोग एक जगह क्यों जमा हुए थे, हथियार लेकर क्यों आये थे, उनका कोई राजनीतिक परिचय है या नहीं, उनके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हैं, पूछताछ में इन सवालों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की जायेगी. गिरफ्तार लोगों के राजनीति से संबंध पर एसपी चुप रहे, लेकिन एक गिरफ्तार आरोपी नूर मोहम्मद ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वे लोग युवा तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं. राजनीतिक कारणों से उन्हें गिरफ्तार किया गया है. पुलिस पर हमले के आरोप को उन्होंने अस्वीकार किया है.
उल्लेखनीय है कि दिनहाटा में पंचायत चुनाव के पहले से ही तृणमूल के मातृ संगठन और उसके युवा संगठन के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है. गीतालदह में तो एक पंचायत सदस्य की मौत तक हो गयी. टकराव की शुरुआत दिनहाटा-1 ब्लॉक से हुई, फिर यह दिनहाटा-2 और सिताई ब्लॉकों में भी फैल गया. पार्टी की इस हिंसक गुटबाजी से क्षुब्ध मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गत 10 जुलाई को चेंगड़ाबांधा में कूचबिहार जिले की प्रशासनिक बैठक के दौरान दिनहाटा में अशांति को जिला पुलिस प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी थी. साथ ही उन्होंने दिनहाटा के विधायक उदयन गुहा से भी अलग से चर्चा की थी.
इसके बावजूद बुधवार को फिर गुटीय संघर्ष की घटना घट गयी. सिताई के नतुन बाजार में शहीद दिवस के प्रचार के लिए रैली निकालने की तैयारी कर रहे युवा तृणमूल कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर हमला किया गया. घटनास्थल पर दिनहाटा एसडीपीओ उमेश गणपत पुलिस दल के साथ पहुंचे तो उन पर गोली और बम चलाये गये.
इसमें एसडीपीओ का एक बॉडीगार्ड भी जख्मी हो गया. कई सिविक वोलेंटियर भी घायल हुए हैं. बाद में पुलिस ने वहां से 12 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि उनके पास से बड़ी संख्या में अस्त्र-शस्त्र बरामद किये गये. युवा तृणमूल के लोगों का जुटान धरनीकांत सरकार के नेतृत्व में हुआ था. पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी बताते हुए फरार बताया है.

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