UP News: उत्तर प्रदेश में गंगा ही नहीं तालाबों और सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकना भारी पड़ेगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश पर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने कड़ी सख्ती के आदेश जारी किए हैं. अब गलियों, सड़कों, पार्कों और जलाशयों में कूड़ा फेंकने पर पहली बार 5,000 रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा.
भारी मात्रा में मलबा फेंकने पर 50 हजार तक जुर्माना
घर या निर्माण कार्य का मलबा सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने पर पहली बार 25,000 रुपये और दोबारा पकड़े जाने पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा. अगर जुर्माना नहीं चुकाया गया तो राजस्व विभाग की ओर से आरसी जारी होगी, साथ ही आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
अब तक 2,500 रुपये था जुर्माना
नगर निगम द्वारा पहले गंगा नदी में कूड़ा फेंकने पर 2,500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता था. लेकिन अब NGT के आदेश के तहत यह राशि बढ़ा दी गई है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा.
क्या बोले अधिकारी
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि अब सिर्फ गंगा ही नहीं, गलियों में कूड़ा फेंकना भी गंभीर अपराध माना जाएगा. स्थानीय निकायों और पीसीबी को कार्रवाई का अधिकार है. जुर्माने से वसूली गई राशि का इस्तेमाल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके.
दरअसल, राम मिलन साहनी बनाम स्टेट ऑफ यूपी व अन्य के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई की थी. इस दौरान ट्रिब्यूनल की तरफ से कहा गया कि नदी, झील, वेटलैंड, तालाब के साथ राजस्व और पीडब्ल्यूडी की जमीन पर कूड़ा-कचरा फेका गया, तो यह अपराध माना जाएगा. इस मामले में NGT ने अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई निर्धारित की है.

