PRAYAGRAJ: प्रयागराज शहर एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह थोड़ी सकारात्मक है. शहर के कुख्यात माफिया अतीक अहमद के अकाउंटेंट समेत 44 नामी हिस्ट्रीशीटरों ने थाने में हाजिरी लगाकर पुलिस और समाज के सामने यह वादा किया कि वे अब अपराध की दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह रहे हैं. इस पहल को प्रशासन द्वारा अपराध नियंत्रण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.
पुलिस की सख्ती और नई रणनीति का असर
पिछले कुछ समय से प्रयागराज पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू किया है. माफियाओं और अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने से लेकर उनके गुर्गों की धरपकड़ तक, पुलिस प्रशासन ने एक सख्त रुख अपनाया है. इसी रणनीति के तहत थानों में हिस्ट्रीशीटरों को बुलाकर उनसे उनका रवैया स्पष्ट करने की कवायद की जा रही है. इसी क्रम में झूंसी थाने में एक विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें क्षेत्र के कुख्यात अपराधियों को उपस्थित होने का नोटिस दिया गया था.
अतीक अहमद के अकाउंटेंट की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
इस बैठक में सबसे ज्यादा ध्यान खींचा अतीक अहमद के पुराने अकाउंटेंट की उपस्थिति ने. यह वही शख्स है जो कभी अतीक के आर्थिक लेन-देन को संभालता था और कई मामलों में नामजद रह चुका है. थाने में हाजिरी लगाकर उसने भी बाकियों की तरह यह घोषणा की कि अब वह अपराध से तौबा कर चुका है और समाज की मुख्यधारा में लौटने का इच्छुक है.
थाने में अपराधियों की सामूहिक शपथ
थाने पहुंचे सभी 44 हिस्ट्रीशीटरों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष यह शपथ ली कि वे भविष्य में किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने समाज के लिए एक नया उदाहरण प्रस्तुत करने की बात कही और यह भी कहा कि अब वे शरीफ नागरिकों की तरह जीवन यापन करेंगे. कई अपराधियों ने यह भी बताया कि वे अब छोटे-मोटे व्यापार में लग गए हैं या मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं.
पुलिस की निगरानी जारी रहेगी
हालांकि पुलिस ने साफ किया है कि इन अपराधियों की केवल घोषणा से ही उन पर से नजर नहीं हटाई जाएगी. संबंधित थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन सभी लोगों पर लगातार निगरानी बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दें. साथ ही, इन अपराधियों को समय-समय पर थाने में उपस्थित होकर अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी.
सामाजिक पुनर्वास की दिशा में कदम
पुलिस प्रशासन का यह प्रयास केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक पुनर्वास कार्यक्रम के रूप में भी देखा जा रहा है. कई अपराधियों ने बताया कि अब वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं और चाहते हैं कि वे एक सम्मानजनक जीवन जिएं. पुलिस ने भी ऐसे लोगों को पुनर्वास के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का आश्वासन दिया है.
जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया
इस घटना पर जनता की राय मिली-जुली रही. कुछ लोगों का मानना है कि यह एक अच्छी पहल है और अगर अपराधी वास्तव में सुधरना चाहते हैं तो उन्हें एक मौका मिलना चाहिए. वहीं कुछ लोगों को संदेह है कि ये अपराधी केवल पुलिस की सख्ती से बचने के लिए ऐसा नाटक कर रहे हैं और मौका मिलने पर फिर पुराने रास्ते पर लौट सकते हैं. हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी सूरत में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. प्रयागराज में 44 हिस्ट्रीशीटरों द्वारा अपराध न करने की शपथ लेना एक बड़ी और अनोखी पहल है. यदि यह बदलाव ईमानदारी से हुआ है तो यह समाज के लिए एक सकारात्मक संकेत है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन सकता है. पुलिस और समाज दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे प्रयास केवल दिखावा बनकर न रह जाएं, बल्कि एक स्थायी सुधार की दिशा में आगे बढ़ें.