Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपमानजनक पोस्ट करने के मामले में आरोपी अजीत यादव की प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हस्तक्षेप करने योग्य मामला नहीं है.
पीएम के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि फेसबुक पर की गई पोस्ट भावनाओं में बहकर की गई थीं, इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ याचिकाकर्ता के पोस्ट में सरकार के मुखिया के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया है. लेकिन दायर याचिका को न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने नामंजूर कर दिया.
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फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अपने 3 जून के निर्णय में कहा था कि भावनाओं को इस सीमा तक नहीं बहने दिया जा सकता कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को बदनाम किया जाए. बताया गया है कि अजीत यादव ने फेसबुक पर तीन आपत्तिजनक पोस्ट की थीं, जिनमें प्रधानमंत्री को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था। पुलिस ने इन पोस्ट्स के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.