24.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बृजभूषण शरण सिंह सरयू नदी को नुकसान पहुंचाने के मामले में फंसे, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का पैनल करेगा जांच

एक याचिका में आरोप लगाया गया कि कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह की कंपनी द्वारा तरबगंज तहसील के माझाराठ, जैतपुर और नवाबगंज गांवों में अवैध खनन किया जा रहा है.

लखनऊ. निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख एवं केसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को नई कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वह सरयू नदी को नुकसान पहुंचाने के मामले में कानूनी रूप से घिर गए हैं.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गोंडा में उनकी कंपनी द्वारा अवैध रेत खनन और खनिजों के परिवहन के कारण “सरयू नदी को नुकसान” के आरोपों की जांच का आदेश दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ ने जांच के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त समिति का गठन किया है. इस विशेष समिति की की बैठक एक सप्ताह में करने के लिए गोंडा के जिला मजिस्ट्रेट समिति को एक सप्ताह के अंदर बैठक करने का निर्देश दिया गया है. समिति को सात नवंबर तक रिपोर्ट दाखिल करनी है.

एनजीटी से यह की गई है शिकायत

दरअसल निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख एवं गोंडा से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की कंपनी के खिलाफ एनजीटी में शिकायत की गई थी कि गोंडा में अवैध रेत खनन, ओवरलोडेड ट्रकों के चलने से परिवहन, पर्यावरण, सड़क, पुल को नुकसान हुआ है. इस मामले में राज्य पीसीबी इसके लिए नोडल एजेंसी होगी “अदालत ने निर्देश दिया कि “समिति विशेष रूप से सतत रेत खनन प्रबंधन दिशा निर्देश, 2016 और रेत खनन के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशा निर्देश, 2020 के अनुपालन के प्रकाश में मामले की जांच करेगी. खनन क्षेत्रों के निवारण-पुनर्वास और सरयू नदी को हुए नुकसान को शामिल किया जा सकता है. समन्वय और अनुपालन, के लिए राज्य पीसीबी नोडल एजेंसी होगी. एनजीटी ने शिकायती पत्र में लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लिया है. दिल्ली में एनजीटी की प्रधान पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और डॉ. ए सेंथिल वेल शामिल हैं ने 2 अगस्त को अपने आदेश में यह निर्देश पारित किया.

Also Read: Brij Bhushan Sharan Singh : पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली कोर्ट ने WFI प्रमुख को सशर्त जमानत दी
अवैध खनन, खनिजों की बिक्री

“नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश में कहा गया है कि “वर्तमान आवेदन में बृज भूषण शरण सिंह, सांसद केसरगंज द्वारा ग्राम माझाराठ, जैतपुर, नवाबगंज, तहसील तरबगंज, जिला गोंडा में अवैध खनन किया गया.अवैध रूप से निकाले गए लघु खनिजों को ओवरलोड ट्रकों द्वारा अवैध परिवहन करने की शिकायत हैं. हर दिन 700 से अधिक की ट्रक में लगभग 20 लाख क्यूबिक मीटर के छोटे खनिजों का भंडारण और अवैध बिक्री और ओवरलोडेड ट्रकों द्वारा पटपड़ गंज पुल और सड़क को नुकसान पहुंचाया गया. संयुक्त समिति से अपेक्षा की जाती है कि वह साइट का दौरा करेगी, याचिका भेजने वाले व्यक्ति के साथ-साथ “प्रोजेक्ट प्रस्तावक” यानी बृज भूषण सिंह की कंपनी से बातचीत करेगी. आदेश के अनुसार, तथ्यात्मक स्थिति को सत्यापित करने और कानून के अनुसार उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने और परियोजना प्रस्तावक को सुनवाई का अवसर देने की भी अपेक्षा की जाती है. अदालत ने निर्देश दिया है, ”तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट दो महीने के भीतर जमा की जाए.”

कानूनी और राजनीतिक संकट में पहले से ही घिरे

सांसद ने पहले 38 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना किया है, जिसमें हत्या के प्रयास, दंगा, भू-माफिया के साथ संबंध और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, उन्हें बरी कर दिया गया था. महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों और भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों को लेकर बृजभूषण सिंह कानूनी और राजनीतिक संकट में पहले से ही हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें