लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में सूबे की राजधानी लखनऊ के पेट्रोल पंपों पर माफियाओं का धड़ल्ले से तेल का खेल चल रहा था. तेल के खेल के माहिर ये माफिया हाईटेक तकनीक रिमोट कंट्रोल के जरिये घटतौली कर अब तक ग्राहकों की जेब से करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं. गुरुवार को एसटीएफ ने जिला प्रशासन, आपूर्ति विभाग, तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों और बाट एवं माप-तौल विभाग की टीमों के साथ मिलकर पेट्रोल पंपों पर सघन छापेमारी के दौरान हाईटेक तरीके से घटतौली कर ग्राहकों के करोड़ों रुपये के चूना लगाने वाले इन तेल माफियाओं का पर्दाफाश किया है. इस छापेमारी के दौरान एसटीएफ की टीम ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के करीब-करीब सभी पेट्रोल पंपों की मशीनों में तेल की घटतौली करने के लिए लगाये गये चिप और रिमोट कंट्रोल को बरामद किया है.
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एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि पेट्रोल की घटतौली का खेल करने वाला एक बड़ा गिरोह उत्तर प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों में चिप और रिमोट लगाने का खेल कर रहा था. इसकी सूचना मिलने पर एसटीएफ ने गुरुवार को गैंग से जुड़े एक अहम आदमी राजेंद्र को हिरासत में लिया. उसने पूछताछ में लखनऊ के सात पेट्रोल पंपों में चिप और रिमोट कंट्रोल लगाकर घटतौली के जरिये पेट्रोल की चोरी करने के मामले का पर्दाफाश किया. उसके इस खुलासे के बाद एसएसपी अमित पाठक ने पांच विभागों के साथ मिलकर सात टीमें बनायीं और फिर सघन छापेमारी अभिशन की शुरुआत की.
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तेल के खेल में दो से तीन लोग होते थे शामिल
एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, पेट्रोल पंप पर तेल के इस खेल में आम तौर पर दो से तीन लोग शामिल रहते थे. इसमें एक पेट्रोल डालता था और दूसरा कैश का बैग लेकर खड़ा रहता था. बैग लेकर खड़े रहना वाला आदमी पैसों के साथ ही अपने पास रिमोट कंट्रोल रखता था. मौका मिलते ही वह रिमोट दबाकर घटतौली का खेल कर देता था. कुछ जगह पर इन दोनों के अलावा तीसरा कर्मचारी जेब में रिमोट लेकर खड़ा रहता था. एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि ये लोग ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर तेल का खेल करते थे. कुछ जगह एमसीबी और कुछ जगह पैनल में सर्किट लगाया गया था.
हर महीने करीब 12 से 15 लाख रुपये की हो रही थी कमाई
छापेमारी टीम में शामिल अधिकारियों का कहना है कि शहर के इन पेट्रोल पंपों की मशीनों के अंदर चिप लगा थ, जिसे रिमोट के जरिये संचालित किया जाता था. पंप के कर्मचारी की ओर से रिमोट दबाते ही पाइप से तेल गिरना बंद हो जाता था, लेकिन मशीन की स्क्रीन पर तेल और पैसे का मीटर अपनी रफ्तार से ही चलता था. एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि इस डिवाइस के जरिये पेट्रोल पंप मालिक हर लीटर पर पांच से छह फीसदी पेट्रोल की चपत लगा रहे थे. औसतन एक पेट्रोल पंप इस चोरी से ही रोज 40 से 50 हजार रुपये और महीने में 12 से 15 लाख रुपये कमा रहा था.
महज दो हजार रुपये में दिल्ली और कानपुर में मिलता है चिप
एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, पेट्रोल चुराने में इस्तेमाल होने वाली चिप और रिमोट एक से दो हजार रुपये में दिल्ली और कानपुर के बाजारों में मिलते हैं. इसे लगाने के बदले में राजेंद्र 40 से 50 हजार रुपये लेता था. राजेंद्र उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में सक्रिय एक बड़े गैंग का सदस्य है. उसने एसटीएफ के सामने एक हजार से ज्यादा पेट्रोलपंपों पर चिप लगाने की बात का खुलासा किया है. फिलहाल, एसटीएफ ने उसकी निशानदेही पर सात जगह छापे मारे हैं. देर रात तक बाकी जिलों में छापेमारी की तैयारी की जा रही थी.