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क्या यूपी में बनेगी बुआ और बबुआ की सरकार ?

लखनऊ/नयी दिल्ली : गुरुवार को जारी एग्जिट पोल के आंकड़ों के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संकेत दिया कि अगर परिणामों के बाद जरूरत पड़ी तो वे बसपा का दामन थाम सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में जाएगा. गठबंधन के सवाल पर जब अखिलेश […]

लखनऊ/नयी दिल्ली : गुरुवार को जारी एग्जिट पोल के आंकड़ों के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संकेत दिया कि अगर परिणामों के बाद जरूरत पड़ी तो वे बसपा का दामन थाम सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में जाएगा. गठबंधन के सवाल पर जब अखिलेश से पूछा गया तो उन्‍होंने पहली बार माना कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को साथ लाने में राहुल और प्रियंका दोनों की भूमिका अहम थी.

बीबीसी की तरफ से जब अखिलेश से सवाल किया गया कि बहुमत न मिलने पर सपा की अगली रणनीति क्या होगी ? इसपर उन्होंने जवाब दिया कि अगर सरकार के लिए जरूरत पड़ेगी तो राष्ट्रपति शासन कोई नहीं चाहेगा. हम नहीं चाहते कि प्रदेश को भाजपा का रिमोट कंट्रोल चलाये.

अखिलेश के बयान पर सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि अखिलेश जी ने बसपा या बहनजी का नाम नहीं लिया है. उनका साफ मानना है कि सांप्रदायिक ताकतों को राज्य से बाहर रखा जाए.

आइए एक नजर डालते हैं किसने क्या कहा…

अखिलेश को दूसरा मौका : रामगोपाल

समाजवादी पार्टी के नेता और राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव को लगातार दूसरा कार्यकाल मिलेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ मिल कर पार्टी को राज्य विधानसभा में ‘पूर्ण बहुमत’ हासिल होगा. उन्होंने खंडित जनादेश की संभावना से इनकार किया. संसद परिसर में कहा, ‘समाजवादी-कांग्रेस को संयुक्त रूप से पूर्ण बहुमत मिलेगा. हम 236 से 240 सीटें जीतेंगे. त्रिशंकु विधानसभा का तो सवाल ही नहीं उठता.’ उत्तर प्रदेश में भाजपा के सरकार बनाने के दावे पर यादव ने कहा कि उसे जमीनी सच्चाइयों का भान ही नहीं है.

भाजपा को चुनाव में बढ़त : अमर सिंह

सपा से बाहर कर दिये गये नेता अमर सिंह ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा को प्रतिद्वंदियों पर ‘बढ़त’ हासिल है. ‘विपक्षी दलों’ द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने का चुनावी फायदा भाजपा को मिलेगा. अमर सिंह ने जोर देकर कहा कि चुनाव में भाजपा को अन्य सभी पार्टियों पर बढ़त हासिल होगी. बसपा भी सपा को पीछे छोड़नेवाली है. खंडित जनादेश की स्थिति में क्या भाजपा और बसपा हाथ मिला लेंगे, इस सवाल पर कहा, ‘यूपी एक शानदार राज्य है और राजनीति तो संभावनाओं का ही खेल है.’ उनके भाजपा में शामिल होने के सवाल पर सिंह ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर कैमरे के सामने चर्चा नहीं करनी चाहिए.

चुनाव हारे तो अकेले अखिलेश जिम्मेवार नहीं

यूपी के वरिष्ठ मंत्री आजम खान ने कहा कि अगर यूपी चुनाव में सपा की हार होती है, तो अखिलेश अकेले जिम्मेदार नहीं होंगे. अखिलेश की हार सबकी हार होगी. चुनाव नतीजों से दो दिन पहले उनके बयान का अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं. आजम ने कहा कि अगर यूपी चुनावों में सपा की सरकार को हार का मुंह देखना पड़ता है तो इसका ठीकरा अखिलेश के सिर नहीं फोड़ा जाना चाहिए. हार के लिए सपा के सहयोगी दल और खुद प्रदेश की जनता जिम्मेदार होगी. अगर सपा हारी तो प्रदेश की जनता भुगतेगी. आजम ने बुधवार को भी मुलायम की पत्नी साधना के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि साधना को अपने बयानों के लिए दो दिन रुक जाना चाहिए था.

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