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बोले मौर्य, सपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच कराएंगे

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘ड्रीम परियोजनाओं’ में हुए घोटालों पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार में लिप्त सपा सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों और घोटालों में मुख्यमंत्री कार्यालय की भूमिका की जांच कराकर सजा दिलवाएगी. भाजपा के उत्तर प्रदेश […]

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘ड्रीम परियोजनाओं’ में हुए घोटालों पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार में लिप्त सपा सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों और घोटालों में मुख्यमंत्री कार्यालय की भूमिका की जांच कराकर सजा दिलवाएगी. भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘अखिलेश सरकार घोटालों की सरताज है और जनता के धन की लूट-खसोट में लगी हुई है. भाजपा सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त कराएगी. भ्रष्टाचार में लिप्त सपा सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों के साथ ही घोटालों में मुख्यमंत्री कार्यालय की भूमिका की जांच कराकर सजा दिलवाएगी.’

उन्होंने कहा कि अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट जनेश्वर मिश्र पार्क में बिना ई-टेण्डर के अपने चहेतों को ठेके बांट दिये गये। नियमों को ताक पर रखकर करोडों के काम के टेंडर मैनुअल दे दिये गये. अखिलेश की सरपस्ती में जनेश्वर मिश्र पार्क हो या एक्सप्रेस-वे सभी में जमकर घोटाला किया गया. मौर्य ने कहा, ‘‘मायावती और अखिलेश में भ्रष्टाचार के नये आयाम स्थापति करने की होड मची है. भ्रष्टाचार को आगे बढाने के लिए ही दिल्ली के घोटालेबाजों से प्रदेश के घोटालेबाजों ने हाथ मिलाया है.’ उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में बिजली व्यवस्था दुरुस्तीकरण के नाम पर 750 करोड रुपए के घोटाले साफ नजर आ रहे हैं. प्रदेश के शहरों और गांवों में बिजली की बदहाल व्यवस्था का कारण प्रदेश सरकार का भ्रष्टाचार है. मौर्य ने कहा कि प्रदेश का ऊर्जा विभाग खुद मुख्यमंत्री अखिलेश के पास है, इसलिए सरकारी धन की बंदरबांट कर अरबों की राशि का गोलमाल करने में मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. भाजपा इस घोटाले के साथ प्रदेश के अन्य जिलों में बिजली के घोटालों की जांच कराने और दोषियों को दंड देने की मांग करती है.

उन्होंने कहा कि घपले-घोटाले, कुशासन, गुंडागर्दी सपा सरकार की पहचान हैं. करोडों रुपए के खनन घोटाले के आरोपी गायत्री प्रजापति को संरक्षण दिया गया। यादव सिंह के 900 करोड रुपये के घोटाले को सीबीआई जांच से बचाने की कोशिश की गयी. मौर्य ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के मंत्रिमंडल में खाद्यान्न मंत्री रहने के दौरान 35 हजार करोड के खाद्यान्न घोटाला में संलिप्तता के आरोप वाले अखिलेश सरकार के मंत्री को सजा के बजाय ईनाम दिया गया. ‘‘अखिलेश की ईमानदारी व विकास के दावे की पोल खोलने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में दिख रहा घोटाला पर्याप्त सबूत है. भाजपा मांग करती है कि इन सारे घोटालों में मुख्यमंत्री कार्यालय की भूमिका की भी जांच की जाए।’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के संरक्षक अखिलेश दिखावा करते हुए बसपा की मायावती के शासन काल के 1200 करोड रुपये के चीनी घोटाले को लोकायुक्त को भेजते हैं लेकिन वही अखिलेश इस घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय चीनी मिल मालिकों को बचाने की कोशिश करते हैं.

मौर्य ने कहा कि अखिलेश मिल मालिकों से सांठगांठ कर गन्ना भुगतान के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए 8000 करोड रुपए पर कुंडली मारकर बैठ जाते हैं. ये घोटाले अखिलेश के भ्रष्टाचारियों को बचाने वाले कारनामों की पोल खोलते हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव करोडों रुपए के खनन घोटाले के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति को बचाने के लिए यह मामला सीबीआई को नहीं सौंपने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं. मौर्य ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए अखिलेश लोकायुक्त की रिपोर्ट को भी कूडेदान में डाल देते हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ईमानदार होने का नाटक करने वाले अखिलेश उस पंडित सिंह को अपने मंत्रिमंडल में जगह देते हैं, जिन पर उनके पिता मुलायम के मुख्यमंत्रित्व काल में घोटाले का आरोप लगा था. मौर्य ने कहा कि अखिलेश सरकार के राज में सरकारी संसाधनों की लूट मची हुई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार ने एक लाख 27 हजार करोड 743 करोड रुपये से ज्यादा राशि के उपभोग प्रमाणपत्र नहीं प्रस्तुत किये.

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