लखनऊ :उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में जारी वर्चस्व की जंग आज चरम पर पहुंच गया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उनके पिता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का टकराव खुलकर सामने आ गया है. अखिलेश ने अपने मुकाबिल खड़े चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ-साथ उनके करीबी तीन अन्य मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया, वहीं सपा मुखिया ने अखिलेश के सबसे बडे हिमायती बताये जाने वाले पार्टी के ‘थिंक टैंक’ रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. दिन भर चले उठापटक के बीच सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की है. समझा जा रहा है कि पार्टी में पैदा गतिरोध को लेकर सोमवार को कोई महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है.
उधर निष्कासन के बाद रामगोपाल यादव की प्रतिक्रिया सामने आयी है. उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि " मुलायम सिंह न सिर्फ मेरे बड़े भाई है बल्कि मेरे राजनीतिक गुरू हैं और रहेंगे. मैं ताउम्र उनका सम्मान करूंगा. इस वक्त वो कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं.जब उन ताकतों से मुक्त होंगे तब उन्हें सच्चाई का अहसास होगा. मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या न रहूं धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ रहूंगा और उन्हें दुबारा मुख्यमंत्री बनने तक रहूंगा. मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है. मेरे ऊपर जो घटिया आरोप लगाये गये हैं उससे पीड़ा जरूर हुई है. लोकतांत्रिक राजनीति में किसी अन्य दलों के राजनेता से मिलना अपराध नहीं है. सैफई में एक परिवारिक समारोह में प्रधानमंत्री को बुलाने के लिए जरूर नेताजी के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गया था."
Ram Gopal Yadav statement after being sacked from Samajwadi party, says will continue to support Akhilesh Yadav till he becomes CM pic.twitter.com/ehuR67Nbx2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 23, 2016
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानमण्डल दल की बैठक में वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल तथा उनके करीबी माने जाने वाले मंत्रियों ओमप्रकाश सिंह, नारद राय तथा स्वतंत्र प्रभार की राज्यमंत्री सैयदा शादाब फातिमा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया.विधानमण्डल दल की बैठक में 229 में 183 विधायक शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस बैठक में शिवपाल और उनके समर्थक विधायकों तथा मंत्रियों को नहीं बुलाया था.तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच इन मंत्रियों के बर्खास्तगी के चंद घंटों बाद सपा मुखिया ने पार्टी के ‘थिंक टैंक’ कहे जाने वाले और चाचा-भतीजे के द्वंद्व में मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ मजबूती से खडे रहे अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव को पार्टी से छह वर्ष के लिये निकाल दिया.
सपा में टूट की बढती आशंकाओं के बीच पार्टी मुखिया मुलायम ने शाम को कोर ग्रुप की बैठक बुलायी.‘समाजवादी परिवार’ के भविष्य के लिहाज से निर्णायक रहने वाला यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सोमवार को पार्टी के सभी विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों के साथ बेहद अहम बैठक करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस बैठक में कई बडे फैसले लिये जा सकते हैं.
आज के घटनाक्रम से चाचा-भतीजे के खेमों में बढी दूरी के बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश सरकार के बहुमत पर सवाल खडे करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की और कहा कि बहुमत साबित करने तक राज्यपाल को इस सरकार के किसी भी नीतिगत फैसले लेने पर रोक लगा देनी चाहिए.मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थन में आज सपा कार्यकर्ताओं को खुला पत्र लिखने वाले रामगोपाल के निष्कासन की जानकारी देने के लिये आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल पर गम्भीर आरोप लगाये और कहा कि वह पूरी तरह भाजपा से मिले हुए हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके षड्यंत्र को समझ नहीं पा रहे हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रामगोपाल अपने सांसद पुत्र अक्षय यादव और बहू को यादव सिंह भ्रष्टाचार प्रकरण के मामले में बचाने के लिये यह सब कर रहे हैं.शिवपाल ने अपनी बर्खास्तगी के फौरन बाद अखिलेश को संदेश देने वाले बयान में कहा था कि उन्हें बर्खास्तगी की कोई फिक्र नहीं है. जनता उनके साथ है और वर्ष 2017 में नेताजी :मुलायम: के नेतृत्व में राज्य में सपा की सरकार बनेगी.
सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने विधानमण्डल दल की बैठक में कहा कि कुछ बाहरी लोग उनके तथा उनके पिता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच दूरियां बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अखिलेश ने सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का नाम लेते हुए कहा कि जो भी मंत्री या नेता उनका साथ दे रहे हैं, उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा.
इस बीच, सपा के वरिष्ठ नेता एवं सरकार के काबीना मंत्री आजम खां ने कहा कि एक शख्स ने पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचा दिया है. यह तो होना ही था.उन्होंने अपने धुर विरोधी सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा ‘‘हमने हमेशा महसूस किया कि ऐसा एक दिन जरुर आयेगा. यह बहुत दुखद है. पार्टी के समझदार और दूरदर्शी लोगों को इस बात का एहसास था कि ये दिन आएगा. एक शख्स से नुकसान बहुत हो गया