लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी :सपा: के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने आज कहा कि हाल में पार्टी से बर्खास्त किये गये युवा नेताओं को वापस लिया जाना चाहिए. नन्दा ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में सपा को पूरी शक्ति के साथ चुनाव मैदान में उतरना होगा. ऐसे में जरुरी है कि हाल में सपा से बर्खास्त किये गये युवा नेताओं को दोबारा पार्टी में लाया जाये. उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ उनकी बैठक हुई थी, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर बातचीत हुई.
पार्टी के अंदर का मामला-नंदा
यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान युवा नेताओं की सपा में वापसी के सिलसिले में कोई बात हुई, इस सवाल पर नन्दा ने कहा कि यह तो पार्टी नेतृत्व से जुड़ा मामला है और इस बारे में उसे ही निर्णय लेना होगा. मालूम हो कि अखिलेश को हटाकर शिवपाल को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद गत 17 सितम्बर को सपा के सभी युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पार्टी राज्य मुख्यालय के बाहर अखिलेश के समर्थन में नारेबाजी की थी. उसके दो दिन बाद विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया तथा संजय लाठर और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव और समाजवादी छात्रसभा के प्रान्तीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव को पार्टी से निकाल दिया गया था. ये सभी अखिलेश के करीबी माने जाते हैं.
पार्टी के अंदर कोई विवाद नहीं-नंदा
नन्दा ने एक बार फिर कहा कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है और सपा अगला चुनाव अखिलेश को ही मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करके लड़ेगी. इस बीच, सूत्रों के मुताबिक बर्खास्त युवा नेताओं की वापसी को लेकर दबाव बनाने के लिये कुछ युवा नेताओं ने बैठक करके कहा है कि अगर निष्कासित नेताओं को पार्टी में वापस नहीं लिया गया तो वे भी आगामी पांच नवंबर को सपा के रजत जयन्ती समारोह में शरीक नहीं होंगे. सपा आगामी पांच नवम्बर को अपना रजत जयन्ती समारोह मनाएगी. पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इसमें सभी विधायकों, सांसदों तथा तमाम कार्यकर्ताओं को शामिल होने के निर्देश दिये हैं.