लखनऊ: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी. एल. पुनिया ने उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के प्रति टालमटोल भरे रवैये पर सवाल खड़े करते हुए आज उस पर गरीबों का हक छीनने का आरोप लगाया. पुनिया ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘मुझे उत्तर प्रदेश सरकार के इरादे पर संदेह है. वह खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिये समय मांग रही है लेकिन उसने अभी तक पात्रों की सूची तैयार करने तक के निर्देश नहीं दिये हैं.’’ उन्होंने आरोप लगाया ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों का निवाला छीन रही है.
जब दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखण्ड और आंध्र प्रदेश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू हो सकता है तो उत्तर प्रदेश में क्या परेशानी है. केंद्र तो सभी को बराबर की मदद दे रहा है.’’ कांग्रेस सांसद ने कहा कि 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल कराने के लिये रथयात्राएं निकालने की तैयारी कर रही सपा की दलित समाज के प्रति सोच में खोट है.पुनिया ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में दलितों के कल्याण के लिये लागू योजनाओं की जल्द ही समीक्षा करेंगे. उन्होंने दलितों से जुड़ी योजनाओं के लिये प्राविधानित स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के उपयोग सम्बन्धी दिशानिर्देशों में बदलाव करने के राज्य सरकार के हाल के निर्णय पर भी नाखुशी जाहिर की.
केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा रायबरेली में एम्स के लिये जमीन उपलब्ध कराने का श्रेय राज्य सरकार को नहीं देकर ‘बेईमानी की राजनीति’ किये जाने के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आरोप सम्बन्धी सवाल पर पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को एहसानमंद होना चाहिये कि केंद्र कल्याणकारी योजनाओं के लिये धन दे रहा है.