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अखिलेश ने किया विरोधियों पर हमला, सपा विरोधी भी पहुंचते हैं लोहिया पार्क में ऑक्सीजन लेने

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन अपने विरोधियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने यहां नरेंद्र मोदी समते सपा के उन सभी विरोधियों पर हमला बोला जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा जा सके. पिता मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में विकसित हुए लोहिया पार्क की […]

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन अपने विरोधियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने यहां नरेंद्र मोदी समते सपा के उन सभी विरोधियों पर हमला बोला जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा जा सके. पिता मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में विकसित हुए लोहिया पार्क की तारीफ करते हुए आज कहा कि सपा के विरोधी भी इसी पार्क में आक्सीजन लेने पहुंचते हैं.

जनेश्वर मिश्र पार्क में सपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन अखिलेश ने कहा, ‘‘नेता जी (मुलायम)के समय में लोहिया पार्क बना. सपा के तमाम विरोधी भी वहां आक्सीजन लेने पहुंचते हैं.’’ उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पत्थरों के पार्क बनवाये थे लेकिन सपा सरकार खुले और हरे भरे पार्क विकसित कर रही है.अखिलेश ने जनेश्वर मिश्र पार्क को देश का सर्वश्रेष्ठ पार्क बताते हुए कहा कि यह आने वाले समय में दुनिया के बेहतरीन पार्को में शामिल होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि कुछ लोग नदियों को धर्म से जोड रहे हैं लेकिन देश की नदियां ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ हैं.सपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन अखिलेश ने हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग नदियों को धर्म से जोड रहे हैं.देश की नदियां सेक्युलर (धर्म निरपेक्ष) और सोशलिस्ट (समाजवादी) हैं. नदियों के किनारे हर जाति और धर्म के लोग रहते हैं. नदियां भेद नहीं करतीं.’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार ने चुनाव के दौरान घोषणापत्र में किये गये वायदों को पूरा किया है.
‘‘देश भर में उत्तर प्रदेश सरकार एकमात्र सरकार है, जिसने चुनावी घोषणापत्र में किये गये वायदों को पूरा किया. किसी अन्य राज्य ने घोषणापत्र पर कार्य नहीं किया.’’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान पर परोक्ष रुप से टिप्पणी करते हुए अखिलेश ने सवाल किया, ‘‘क्या सफाई घोषणापत्र में था ? जिस घोषणापत्र के जरिए सत्ता में आये, उस पर काम नहीं किया.’’ उन्होंने गंगा सफाई को लेकर केंद्र सरकार की ओर से उठाये जा रहे कदमों के बारे में कहा, ‘‘.. केवल एक गंगा को साफ करने से सफाई नहीं होगी. अन्य नदियों की भी सफाई होनी चाहिए.’’
अखिलेश ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका प्रचार का काम है और हमारा काम जमीनी है. उत्तर प्रदेश सरकार देश की पहली सरकार है, जिसने अपने वायदों को जमीन पर उतारा. हमने गरीब, किसान, पिछडों और नौजवान के लिए 22 साल लडाई लडी. राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव और जनेश्वर मिश्र के सिद्धांत पर चलकर हम आगे बढे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि पार्टी के नौवें सम्मेलन के बाद उसकी ताकत बढेगी. अखिलेश ने कहा कि जब जब सपा के सम्मेलन हुए हैं, उसकी ताकत बढी है. दूसरे राज्यों में संगठन बनाने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ प्रयास सफल भी हुए लेकिन अभी उतनी ताकत अन्य राज्यों में नहीं है, जितनी उत्तर प्रदेश में है.
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बिना देश के विकास की परिकल्पना अधूरी रहेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हम बडी परियोजनाएं मांगेंगे. यदि नहीं मिलीं, तो सवाल उठाएंगे. केंद्र सरकार पूंजीवाद को बढावा दे रही है और इसकी आड में सांप्रदायिक एजेंडा भी आगे बढा रही है. हमें पूंजीवादी और सांप्रदायिक ताकतों से लडना है.
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए अखिलेश ने कहा कि सडक, पुल, बिजली और स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य हुआ है. आगरा-लखनउ एक्सप्रेसवे जैसी परियोजना देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है. ये एक्सप्रेसवे कई जिलों से होकर गुजरेगा लेकिन किसी किसान ने विरोध नहीं किया. सडक निर्माण के लिए किसानों की जमीन अधिगृहित की गयी और उन्हें उनकी जमीन के बदले अच्छा मुआवजा दिया. उन्होंने कहा कि सडक के किनारे आलू, दूध, गेहूं, चावल और फल की मंडियां बनेंगी ताकि किसानों को लाभ मिल सके. अखिलेश ने कहा कि देश में कोई ऐसा राज्य नहीं, जहां तीन शहरों में मेट्रो हो. साइकिल पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जितना वैट कम किया, किसी अन्य राज्य ने नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘ये समझना होगा कि केंद्र की क्या जिम्मेदारी है और उत्तर प्रदेश की क्या जिम्मेदारी है. हमने बिजली के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया लेकिन केंद्र से सहयोग नहीं मिला. अच्छी क्वालिटी का कोयला नहीं मिलता. कोयले की पर्याप्त मात्रा मिले तो गांव में 16 घंटे और शहरों में 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी.’’

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