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#DefenceExpo2020 : पीएम मोदी ने किया उद्‌घाटन, कहा-भारत सिर्फ बाजार नहीं, बहुत बड़ा अवसर

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां 11वें डिफेंस एक्सपो 2020 का उद्घाटन किया. एक्सपो के उद्‌घाटन के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है. आज का यह डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, […]

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां 11वें डिफेंस एक्सपो 2020 का उद्घाटन किया. एक्सपो के उद्‌घाटन के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है. आज का यह डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, व्यापकता, विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है.

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग अर्थव्यवस्था और रक्षा के जानकार हैं, वे यह जानते हैं कि भारत सिर्फ बाजार नहीं बल्कि बहुत बड़ा अवसर है. आज का यह अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है.मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. इस बार 1,000 से ज्यादा रक्षा निर्माता और दुनियाभर से 150 कंपनियां इस एक्स्पो का हिस्सा हैं.

इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स और सैकड़ों बिजनेस लीडर भी यहां मौजदू हैं. उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य तो है ही, आने वाले समय में ये देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के भी सबसे बड़े हब में से भी एक होने वाला है. ऐसे में नए दशक के इस पहले डिफेंस एक्स्पो का यहां होना अपने आप में प्रसन्नता का विषय है. इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे. यह एक्सपो नौ फरवरी तक चलेगा.

प्रत्येक दो साल पर आयोजित होने वाले इस एक्सपो में भारत के रक्षा निर्माण के वैश्विक हब के तौर पर उभारने की क्षमता को प्रदर्शित किया जाएगा. इस एक्सपो में 70 देशों और 172 विदेशी आयुध उपकरण निर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, एक्सपो में 100 से ज्यादा कम्पनियां अपने हथियारों की नुमाइश करेंगी.

एक्सपो में पांचवीं भारत-रूस मिलिट्री उद्योग कांफ्रेंस का आयोजन भी किया जाएगा. ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आफ डिफेंस’ थीम पर होने वाला यह एक्सपो हर लिहाज से अब तक का सबसे बड़ा ऐसा आयोजन होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस एक्सपो के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का महत्वपूर्ण स्थल बन जाएगा. यह एक्सपो देश के एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा संबंधी हितों के संपूर्ण फलक को सहेजेगा.

एक्सपो में पहली बार भारत-अफ्रीका डिफेंस कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया जाएगा. लखनऊ में पहली बार आयोजित होने वाला यह एक्सपो प्रदर्शनी लगाने वालों की संख्या, आयोजन क्षेत्र और राजस्व प्राप्ति के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी होगी. एक्सपो में 150 से अधिक विदेशी समेत 1000 से ज्यादा आयुध निर्माता कम्पनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी. वर्ष 2018 में चेन्नई में हुए एक्सपो में यह संख्या 702 थी. चेन्नई में प्रौद्योगिकी अंतरण के 40 एमओयू हुए थे, वहीं लखनऊ में 65 एमओयू होने की सम्भावना है. निजी क्षेत्र को जोड़ लें तो यह संख्या और भी अधिक होने की उम्मीद है.

एक्सपो की थीम ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आफ डिफेंस’ है. इसमें करीब 70 देश भाग लेंगे. करीब 40 देशों के रक्षामंत्रियों ने इसमें शिरकत के लिए सहमति दी है. इससे पहले वर्ष 2018 में चेन्नई में एक्सपो का आयोजन 80 एकड़ क्षेत्र में हुआ था मगर लखनऊ में यह 200 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में हो रहा है. इसका एक भाग यहां गोमती रिवर फ्रंट पर भी आयोजित किया जाएगा.

11वें डिफेंस एक्सपो के दौरान 19 सेमिनार आयोजित करने की योजना है. इनमें से 15 सेमिनार एसोचैम, सीआईआई और पीएचडी चैम्बर आफ कॉमर्स समेत विभिन्न उद्योग मण्डलों द्वारा आयोजित किये जाएंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट आफ थिंग्स, ड्रोन आदि इनके प्रमुख विषय होंगे.

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