।।हरीश तिवारी ।। लखनऊ :बसपा लोकसभा चुनावों के मद्देनजर निचले स्तर पर संगठन को मजबूत करने की तैयारी में जुटा है. इसके तहत संगठन के ढांचे में भी फेरबदल किया जा रहा है. लिहाजा पार्टी में जिला प्रभारी का पद समाप्त किया जाएगा और इसके स्थान पर संगठन मण्डल स्तर पर दो कोआर्डिनेटर रखे जाएंगे. […]
।।हरीश तिवारी ।।
लखनऊ :बसपा लोकसभा चुनावों के मद्देनजर निचले स्तर पर संगठन को मजबूत करने की तैयारी में जुटा है. इसके तहत संगठन के ढांचे में भी फेरबदल किया जा रहा है. लिहाजा पार्टी में जिला प्रभारी का पद समाप्त किया जाएगा और इसके स्थान पर संगठन मण्डल स्तर पर दो कोआर्डिनेटर रखे जाएंगे.
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद बसपा राज्य में तीसरे स्थान पर पहुंच गयी है. राज्य विधानसभा में पार्टी के 19 विधायक हैं, जबकि पार्टी तीन बार सत्ता पर काबिज हो चुकी है. लिहाजा जनाधार खो चुकी पार्टी अब नए सिरे से जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए पार्टी संगठन के भीतर बदलाव कर रही है. पिछले दिनों बसपा प्रमुख ने पैर छूने की परंपरा को खत्म कर दिया है.
अब कोई भी कार्यकर्ता नेताओं के पैर नहीं छूएगा बल्कि इसके स्थान पर जयभीम बोलेगा. अब पार्टी में विधान सभा क्षेत्र पर प्रभारी बनाए जाएंगे. फिलहाल संगठन में इस प्रकार के फेरबदल की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है और इसके लिए बसपा प्रमुख सुश्री मायावती से हरी झण्डी मिल गयी है.
संगठन में जिला प्रभारी का पद समाप्त करने के साथ मण्डल स्तर पर बने जोन कोआर्डिनेटरों के पदों में बढ़ोत्तरी की जाएगी, साथ ही जोन कोर्डिनेटर के दो पद रहेंगे. इसके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र पर प्रभारी बनाया जाएगा. यह सारी कवायद संगठन से सर्वसमाज को जोड़ने के लिए की जा रही है. विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी काओर्डिनेटरों से तालमेल कर संगठन को मजबूत करने का काम करेगा.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संगठन के ढांचे में बदलाव किया जा रहा है. इसकी घोषणा होली के बाद खुद बसपा प्रमुख अथवा पार्टी का कोई अन्य बड़ा नेता करेगा. फिलहाल उन्होंने बदलाव के बारे में कोई ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया है. गौरतलब हो कि बसपा में यह दूसरा बड़ा बदलाव होगा. इससे पहले बहुजन समाज पार्टी पैर छूने की पुरानी परम्परा को समाप्त कर चुकी है. यह निर्णय भी सर्वसमाज को जोड़ने के लिए ली जा रही है.