हरीश तिवारी
लखनऊ: यूपी की प्रतिष्ठापरक गोरखपुर व फूलपुर लोस सीट के उपचुनाव में टिकट को लेकर मारा-मारी मची है. दूसरे दलों से टिकट की चाह रखने वाले प्रत्याशियों की संख्या तो कम है, लेकिन भाजपा की स्थिति दूसरी है. अभी तक गोरखपुर से छह लोगों ने नामांकन पत्र खरीदे हैं, जबकि फूलपुर लोस उपचुनाव के लिए भाजपा से प्रत्याशी बनने के लिए चार लोगों ने नामांकन पत्र खरीदा है. फिलहाल अभी तक पार्टी ने किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया है.
भाजपा में पूर्वाचल की दो लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के चयन की कवायद लंबे समय से चल रही है. सरकार और संगठन में किसी एक नाम पर सहमति बनाने के लिए मैराथन बैठकों का दौर जारी है. इस बीच 13 फरवरी से नामांकन पत्रों के जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाने से सभी दलों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर दबाव बढ़ गया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने शानदार जीत दर्ज करायी थी. पहली बार इस सीट से भाजपा का कोई प्रत्याशी चुनाव जीता था. प्रदेश में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें लोकसभा सीट से त्यागपत्र देना पड़ा था. अब श्री मौर्य अपने किसी परिजन को इस सीट से चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान करेगा.
इसी तरह गोरखपुर की वीआईपी लोकसभा सीट पर लगभग तीन दशक से गोरक्षनाथ पीठ का कब्जा है. इस सीट पर पहले महंत दिग्विजयनाथ, फिर अवेद्यनाथ और 1998 से लगातार पांच बार योगी आदित्यनाथ सांसद रहे हैं. योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट से त्यागपत्र देने से खाली हुई है. भाजपा किसे प्रत्याशी बनायेगी यह अभी तय नहीं हो सका है. समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री जिसे चाहेंगे उसे गोरखपुर से भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया जायेगा. दूसरी तरफ बुधवार को अचानक लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भेंट की. यह माना जा रहा है कि सपा गोरखपुर सीट पर भोजपुरी अभिनेता निरहुआ को भी प्रत्याशी बनाने पर विचार कर सकती है.