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यूपी निकाय चुनाव : भाजपा अपना घोषणापत्र लाने की तैयारी में

लखनऊ/बलिया : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली चुनावी परीक्षा माने जा रहे नगरीय निकायों के आसन्न चुनाव के लिये भाजपा अपना घोषणापत्र लाने की तैयारी में है. यह प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक संकल्प पत्र की तरह ही होगा. भाजपा के प्रांतीय प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने आज बताया कि पार्टी […]

लखनऊ/बलिया : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली चुनावी परीक्षा माने जा रहे नगरीय निकायों के आसन्न चुनाव के लिये भाजपा अपना घोषणापत्र लाने की तैयारी में है. यह प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक संकल्प पत्र की तरह ही होगा.

भाजपा के प्रांतीय प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने आज बताया कि पार्टी नगरीय निकाय चुनाव के लिये घोषणापत्र लाने की तैयारी कर रही है. इसका मुख्य उद्देश्य जनता को प्रदेश के नगर निगमों तथा अन्य नगरीय निकायों के विकास के लिये भाजपा की योजनाओं से अवगत कराना है. घोषणापत्र के जरिये पार्टी जनता से सीधा संवाद स्थापित करेगी.

राकेश त्रिपाठी ने कहा, घोषणापत्र में कर ढांचे के सरलीकरण के साथ-साथ नगरीय परिवहन सेवाओं को मजबूत करने तथा पेय जलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने पर खास जोर दिया जायेगा. यह विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक संकल्प पत्र की तर्ज पर होगा. नगरीय निकाय चुनाव में भी पार्टी को गत विधानसभा चुनाव जैसी प्रचंड जीत मिलने का विश्वास जाहिर करते हुए त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य इस बार सभी 16 नगर निगमों में जीत हासिल करना है. भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद नगरीय निकाय चुनावों में भी प्रचंड जीत के साथ हैट्रिक बनायेगी.

उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में आगामी 22, 26 और 29 नवंबर को नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं. इस दौरान 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिका परिषदों तथा 438 नगर पंचायतों के विभिन्न पदों के लिये मतदान होगा. मतों की गिनती एक दिसंबर को होगी. यह चुनाव इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद बनी योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली चुनावी परीक्षा भी हैं.

हालांकि, भाजपा करीब 14 साल के बाद प्रदेश की सत्ता में आयी है लेकिन निकाय चुनाव उसके लिये हमेशा सुखद रहे हैं. वर्ष 2012 में हुए निकाय चुनावों में 12 में से 10 नगर निगमों में भाजपा के मेयर चुने गये थे. इसके अलावा अन्य निकायों में भी उसने अन्य पार्टियों पर अपना वर्चस्व कायम किया था. राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक निकाय चुनावों के परिणामों से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जनता की नब्ज का कुछ अंदाजा मिल सकता है. साथ ही वे भाजपा के लिये अपनी नीतियों और शासन के तौर-तरीकों पर भी नजर डालने का मौका भी हैं.

इस बीच, भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने आज कहा कि वह शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. भाजपा के एक अन्य सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने शहरी निकाय चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. बलिया में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय और महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल से बातचीत हुई लेकिन भाजपा नेताओं ने कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया. राजभर ने संकेत किया कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ सकती है.

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