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कानपुर के 3 हजार छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप में गलती सुधारने का मौका, शासन ने इस वर्ग के लिए खोला पोर्टल

कानपुर के करीब 3 हजार छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है. शासन ने स्कॉलरशिप आवेदन में गलती सुधारने के लिए पोर्टल को दोबारा खोलने का आदेश दिया है. हालांकि इसका फायदा सिर्फ एससी, एसटी वर्ग की अभ्यार्थियों को मिलेगा.

Kanpur : उत्तर प्रदेश में कानपुर के करीब 3 हजार छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है. शासन ने स्कॉलरशिप आवेदन में गलती सुधारने के लिए पोर्टल को दोबारा खोलने का आदेश दिया है. हालांकि इसका फायदा सिर्फ एससी, एसटी वर्ग की अभ्यार्थियों को मिलेगा. क्योंकि, पिछड़ा और सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए पोर्टल नहीं खुला है. शासन से आदेश मिलते ही छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो नीरज सिंह ने सभी महाविद्यालय को पत्र जारी कर दिया है.

शासन ने 8000 छात्रों की स्कॉलरशिप निरस्त कर दी

सीएसजेएमयू व इससे संबद्ध महाविद्यालयों के अलावा आईटीआई व पॉलीटेक्निक के छात्र-छात्राएं स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करते हैं. शासन से मिलने वाली इस स्कॉलरशिप के जरिए हजारों छात्र फीस जमाकर पढ़ाई कर रहे हैं. इस साल छोटी-छोटी त्रुटि होने से शासन ने करीब 8000 छात्रों की स्कॉलरशिप निरस्त कर दी, इससे छात्रों के भविष्य पर ही खतरा मंडराने लगा था. क्योंकि स्कॉलरशिप के अभाव में फीस जमा करना मुमकिन नहीं था.

शासन व विवि से लगाई थी गुहार

जिन छात्रों को स्कॉलरशिप नही मिल पाई थी. उन छात्रों ने शासन से लेकर विवि व कॉलेजों में गुहार लगाई थी. विवि की ओर से भी शासन को पत्र लिखकर पोर्टल खोलने और छात्रों को गलती सुधारने का एक मौका देने की मांग की गई थी. छात्रों की समस्या देखते हुए शासन ने एससी व एसटी छात्रों के लिए पोर्टल खोलने का आदेश जारी कर दिया है. हालांकि सामान्य व पिछड़ा वर्ग के छात्रों की संख्या भी काफी अधिक है. पोर्टल खोलने से फायदा सिर्फ एससी एसटी के छात्रों को मिलेगा.

इस कारण अटकी है स्कालरशिप

कानपुर में सरकारी सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा जिले के आठ हजार छात्रों को भुगतना पड़ सकता है. दरअसल केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से दी जाने स्कॉलरशिप के लिए इन छात्रों ने अपने कॉलेज के माध्यम से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन भेजे थे. इन आवेदनों को 6 एफिलिएटिंग एजेंसीज के द्वारा जांच पड़ताल करके समाज कल्याण निदेशालय भेजना था,लेकिन जांच करने के बाद इन्हें समाज कल्याण निदेशालय नहीं भेजा गया. जिसमें सीएसजेएम कानपुर यूनिवर्सिटी और AKTU भी शामिल हैं.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी

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