KANPUR NEWS: कानपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां महज़ सिर पर बाल उगवाने की ख्वाहिश में दो होनहार इंजीनियरों ने अपनी जान गंवा दी. इन दोनों की मौत का आरोप एक महिला डॉक्टर पर है, जो 18 दिन तक फरार रहने के बाद अब कोर्ट में सरेंडर कर चुकी है. यह मामला अब पूरे प्रदेश में हेल्थ क्लीनिक्स और कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट्स पर सवाल खड़ा कर रहा है.
मामला-1: मयंक कटियार की मौत बाल उगाने की चाह में बुझ गया घर का चिराग
“डॉक्टर के भरोसे गया था बेटा, लाश बनकर लौट आया” मयंक की माँ
फतेहगढ़ निवासी मयंक कटियार (32) एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर थे और अपना बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे थे. 18 नवंबर 2024 को मयंक कानपुर के केशवपुरम स्थित ‘द इंपायर क्लिनिक’ में डॉक्टर अनुष्का तिवारी के पास हेयर ट्रांसप्लांट कराने पहुँचे. परिजनों के अनुसार सुबह 8 बजे बुलाया गया, दोपहर 2 बजे क्लीनिक से छोड़ा गया था
शाम 5 बजे छोटे भाई कुशाग्र उन्हें घर लेकर आए थे जिसके बाद रात 12 बजे सिर में असहनीय दर्द होना शुरू हुआ तो डॉक्टर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी. लेकिन दर्द तब भी नहीं रुका. फिर डॉक्टर ने कहा पट्टी ढीली कर दो, ठीक हो जाएगा. परंतु हालत और बिगड़ती गई. अगले दिन चेहरे पर भयानक सूजन और सीने में तेज दर्द हुआ. डॉक्टर ने हार्ट स्पेशलिस्ट को दिखाने की सलाह दी, लेकिन डॉक्टरों ने साफ कहा “यह कार्डियक इश्यू नहीं, यह ट्रांसप्लांट की गड़बड़ी है. जिसके बाद 19 नवंबर को मयंक ने दम तोड़ दिया.
6 महीने तक माँ दौड़ती रही, FIR दर्ज नहीं हुई
मयंक की माँ प्रमोदनी कटियार का आरोप है कि बेटे की मौत के बाद वे छह महीने तक थाने, अधिकारियों, कमिश्नर ऑफिस तक गईं लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अंत में पुलिस कमिश्नर से मुलाकात के बाद मामला फिर से खुला.
मामला-2: विनीत दुबे की मौत ट्रीटमेंट के अगले दिन ही निकली आंखें, सूजा चेहरा और फिर मौत
पनकी पावर प्लांट में कार्यरत इंजीनियर विनीत दुबे (37) ने 13 मार्च 2025 को ‘इंपायर वाराही क्लिनिक’ में हेयर ट्रांसप्लांट कराया. कुछ ही घंटों में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. चेहरे पर सूजन, आंखें बाहर निकलने जैसी हालत, बेचैनी होने लगी. रिश्तेदारों ने उन्हें तुरंत रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन 14 मार्च को उन्होंने दम तोड़ दिया.
डॉक्टर क्लीनिक छोड़कर भागी, फोन स्विच ऑफ
जैसे ही मौत की जानकारी डॉक्टर अनुष्का को मिली, उन्होंने अपना क्लिनिक बंद कर दिया और मौके से फरार हो गईं. जिसके बाद पुलिस टीम लगातार अलग अलग राज्यों में डॉक्टर को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी लेकिन डॉक्टर की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही थी.
पत्नी ने ऑडियो-वीडियो सबूतों के साथ लगाई गुहार
विनीत की पत्नी जया ने बताया कि थाना, चौकी, ACP, DCP सबके चक्कर लगाए लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई. अंततः उन्होंने सीएम पोर्टल पर साक्ष्यों के साथ शिकायत की, तभी पुलिस ने FIR दर्ज की.
18 दिन बाद कोर्ट में सरेंडर, अब होगी जांच
दोनों इंजीनियरों की मौत के बाद आरोपी डॉक्टर अनुष्का तिवारी 18 दिन तक फरार रहीं. पुलिस की टीमें यूपी, बिहार, दिल्ली समेत कई राज्यों में छापेमारी करती रहीं. अब आखिरकार उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. पुलिस अब न्यायिक रिमांड की तैयारी कर रही है.
सवाल उठते हैं – क्यों नहीं है ऐसे क्लीनिकों पर निगरानी?
इन दोनों मामलों ने यह उजागर कर दिया है कि बिना पर्याप्त मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और इमरजेंसी सुविधा के कॉस्मेटिक सर्जरी क्लीनिक किस कदर लोगों की जान से खेल रहे हैं.एवं लोगों से आग्रह है कि बिना जांचे परखे किसी भी क्लिनिक पर न जाएं उससे पहले उसके क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन और डॉक्टर के योग्यता की जानकारी अवश्य करलें.