28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कानपुर के रफीक की तरह हुई अतीक अहमद और अशरफ की हत्या, 17 साल पुरानी घटना की यादें हुई ताजा, जानें क्या था केस

कानपुर: रफीक को एसटीएफ टीम में सिपाही धर्मेंद्र चौहान पहचानता था. फिल्म समाप्त होने के बाद जैसे ही बदमाशों की टोली टाकीज से बाहर निकली वैसे ही एसटीएफ ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी. रफीक भी धर्मेंंद्र को पहचानता था, इसलिए सामने पड़ते ही उसने गोलीबारी शुरू कर दी. धर्मेंद्र इस मुठभेड़ में शहीद हो गए

Kanpur: प्रयागराज में शनिवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या ने 2005 में हुए रफीक मर्डर केस की याद दिला दी है. डी-2 गैंग के कुख्यात अपराधी रफीक की भी पुलिस कस्टडी में 29 मार्च 2005 को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

डी-2 गैंग का था सरगना

डी-2 गैंग पुलिस रिकार्ड में रफीक के नाम से दर्ज है. रफीक डी-2 गैंग का अंतरराज्यीय अपराधी था. वह कई मामलों में फरार चल रहा था. इस दौरान वर्ष 2004 में एसटीएफ को सूचना मिली की रफीक अपने साथियों के साथ हीर पैलेस में फिल्म देखने आया है. तब एसटीएफ ने सादे कपड़ों में अपना जाल बिछाया था.

रफीक को एसटीएफ टीम में सिपाही धर्मेंद्र चौहान पहचानता था. फिल्म समाप्त होने के बाद जैसे ही बदमाशों की टोली टाकीज से बाहर निकली वैसे ही एसटीएफ ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी. चूंकि रफीक भी धर्मेंंद्र को पहचानता था, इसलिए सामने पड़ते ही उसने गोलीबारी शुरू कर दी. धर्मेंद्र इस मुठभेड़ में शहीद हो गए, जबकि रफीक गैंग के बदमाश ताज उर्फ भय्यन और शकील पुलिस की गोली से ढेर हो गए.

एसटीएफ के सिपाही की हत्या में रफीक था रिमांड पर

इसके बाद रफीक को एसटीएफ के सिपाही धर्मेंद्र सिंह की हत्या के मामले में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया. उसे रिमांड पर पूछताछ के लिए कानपुर लाया गया था. यहां अदालत के आदेश पर उसे एके-47 की बरामदगी के लिए जूही यार्ड के पास ले जाया गया था. यहां पर रफीक पर पुलिस कस्टडी में हमला हुआ और ताबड़तोड़ गोलीबारी में वह मारा गया.

Also Read: अतीक-अशरफ की हत्या के बाद परिवार से कौन बनेगा अगला डॉन, जानें जुर्म का शतक लगाने वाले परिवार की पूरी कुंडली
बिजनौर की कोर्ट में भी बरसी थी गोलियां

इसके साथ ही बिजनौर में पिता की हत्या का बदला लेने के लिए साहिल नाम के युवक ने कोर्ट के भीतर दो लोगों की हत्या कर दी थी. साहिल के पिता के हत्यारोपितों को तिहाड़ जेल से बिजनौर पुलिस लेकर पहुंची थी. इसकी जानकारी होने पर साहिल ने कोर्ट में पहुंचे आरोपित शाहनवाज और जब्बार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. करीब 20 राउंड गोलियां चलीं थी. जिसमें दोनों आरोपित ढेर हो गए थे.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें