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गोरखपुर में पुलिस की पिटाई का वीडियो वायरल,डीसीएम चालक की गिरफ्तारी के बाद मचा बवाल

GORAKHPUR: गोरखपुर के कौड़ीराम तिराहे पर पुलिस ने एक डीसीएम चालक को बेरहमी से पीटा, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. पुलिस ने चालक पर शांति भंग का आरोप लगाकर जेल भेजा. SSP ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. घटना CCTV में कैद हुई है.

GORAKHPUR: गोरखपुर जिले के बांसगांव थाना क्षेत्र के कौड़ीराम तिराहे पर शनिवार रात पुलिस द्वारा एक डीसीएम चालक की बेरहमी से की गई पिटाई का मामला अब सुर्खियों में है. घटना का वीडियो जब रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लोगों में आक्रोश फैल गया. प्रशासन की किरकिरी होते देख एसएसपी राजकरन नय्यर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक, डीसीएम चालक मनोज कुमार, जो आजमगढ़ जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के तरवा गांव का निवासी है, शनिवार देर रात वाराणसी की एक फर्म से सीमेंट लादकर गोरखपुर जा रहा था. जैसे ही वह रात लगभग 2 बजे कौड़ीराम तिराहे के पास पहुंचा, बांसगांव पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उसे रोक लिया.

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जैसे ही डीसीएम वाहन रोका गया, पुलिसकर्मियों ने बिना किसी स्पष्ट चेतावनी के वाहन के दरवाजे पर डंडा मारना शुरू कर दिया. चालक जैसे ही नीचे उतरा, उस पर पुलिस ने ताबड़तोड़ लाठियां बरसाईं. यह पूरी घटना पास की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई.

पुलिस का दावा और गिरफ्तारी

पुलिस ने दावा किया है कि डीसीएम चालक ने पहले एक बाइक सवार को टक्कर मारी और फिर भागने की कोशिश की. जब पुलिस ने उसे रोकना चाहा, तो उसने पुलिसकर्मियों पर वाहन चढ़ाने की कोशिश की. इसी आधार पर चालक के खिलाफ शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में पेशी के बाद मनोज कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

वीडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया

इस पूरी घटना का वीडियो रविवार सुबह जैसे ही सोशल मीडिया पर सामने आया, लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए. कई यूजर्स ने इसे “अत्याचार” और “अमानवीय बर्ताव” करार दिया. वीडियो में पुलिसकर्मियों की आक्रामकता और बिना कारण पिटाई साफ दिखाई दे रही है.

एसएसपी ने दिए निष्पक्ष जांच के निर्देश

गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राजकरन नय्यर ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. “अगर वीडियो में दिख रही पुलिस की कार्रवाई गलत पाई जाती है, तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. कानून किसी को भी मनमानी करने की अनुमति नहीं देता, चाहे वह कोई भी हो,” उन्होंने कहा.

जनता में आक्रोश, सोशल मीडिया पर बहस तेज

घटना के बाद स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूजर्स में भारी नाराज़गी देखी जा रही है. कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या किसी चालक को सिर्फ संदेह के आधार पर इस तरह बेरहमी से पीटा जाना चाहिए? वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यदि चालक ने सच में पुलिस पर वाहन चढ़ाने की कोशिश की, तो पुलिस को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था, न कि सड़क पर ही सजा देना.

क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस को केवल वैधानिक शक्ति का उपयोग करना चाहिए.”सड़क पर पीटना, वो भी बिना स्पष्ट कारण के, सीधे तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है. यह पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है और ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और पारदर्शिता बेहद जरूरी है,” एक वरिष्ठ वकील ने कहा.

फिलहाल जांच जारी, आगे की कार्रवाई पर नजर

फिलहाल इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं और वीडियो फुटेज को सबूत के तौर पर शामिल किया जा रहा है. अब देखना यह होगा कि जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई होती है और क्या डीसीएम चालक की गिरफ्तारी को सही ठहराया जाता है या नहीं.

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