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आठ सालों में भी नहीं हो सका सीएचसी का निर्माण

सुखपुरा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुखपुरा के भवन का निर्माण आठ साल में भी पूरा नहीं हो सका. करीब 3.30 करोड़ रुपये की लागत से सत्र 2012-13 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इतने लंबे समय बाद भी इसका कार्य अधूरा है. संबंधित अधिकारियों का कहना है कि शासन ने स्वास्थ्य केंद्र के लिए […]

सुखपुरा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुखपुरा के भवन का निर्माण आठ साल में भी पूरा नहीं हो सका. करीब 3.30 करोड़ रुपये की लागत से सत्र 2012-13 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इतने लंबे समय बाद भी इसका कार्य अधूरा है. संबंधित अधिकारियों का कहना है कि शासन ने स्वास्थ्य केंद्र के लिए पूरा धन अवमुक्त कर दिया है.

कुछ महीने पहले गृह सचिव ओपी वर्मा ने तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत के साथ निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था. काम की धीमी रफ्तार पर सचिव ने नाराजगी जतायी थी. साथ ही कार्यदाई संस्था को चेतावनी देते हुए जल्द से जल्द कार्य पूरा करने के लिए कहा था. लेकिन, अभी तक स्वास्थ्य केंद्र का काम कार्यदाई संस्था की लापरवाही के कारण अधूरा है.
सुखपुरा के साथ ही भोजपुर, हरिपुर, बिलारी, भलुही, अपायल, भंवरपुर, सुल्तानपुर, भरखरा, तपनी, करमपुर, सोनवरसा, बोडिया आदि दर्जनों गांव के मरीज दर- दर की ठोकर खाने को मजबूर है. गंभीर इलाज तो दूर, प्राथमिक उपचार के लिए भी क्षेत्र की जनता को बलिया सदर अस्पताल और मऊ जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. निर्माणाधीन अस्पताल परिसर में जुआ खेलने और शराब पीने के लिए अराजक तत्वों का प्रमुख अड्डा बन गया है.
सुखपुरा में जब स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण शुरू हुआ, तो लगा कि अब दिक्कत दूर हो जायेगी. लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ. किसी की तबीयत रात में खराब होती है, तो इलाज मुश्किल हो जाता है.
-रवींद्र नाथ उपाध्याय
स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण सबसे बड़ी कठिनाई होती है. लाचारी में ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर झोलाछाप डॉक्टरों के यहां जाना पड़ता है. इसमें ज्यादा पैसा भी खर्च होता है और कई बार जान पर भी खतरा बढ़ जाता है.
-रियाजुद्दीन
गरीब परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र में सीएचसी को आठ साल पहले मंजूरी मिली थी. उसी समय से काम चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ. अस्पताल शुरू हो जाता, तो बड़ी समस्या दूर हो जाती.
-विजय शंकर सिंह
क्षेत्र के लोगों को बुनियादी सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल ही जाना पड़ता है. छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी यहां इलाज की सुविधा नहीं है. भवन बनने के बाद डॉक्टर व कर्मचारियों की भी नियुक्ति होनी है. -संतोष गुप्ता
Prabhat Khabar Digital Desk
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