Greater Noida News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में विकास प्राधिकरण ने फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले मामले में 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट आने के बाद एक्शन लिया गया. नियुक्ति घोटाले में प्राधिकरण में कार्यरत अफसरों के रिश्तेदार, नेताओं और यहां काम करने वाली एजेंसियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल चार महीने पहले बादलपुर गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने सीएम योगी को एक पत्र लिखकर भेजा था. साथ ही मेरठ के रहने वाले नीलकमल ने पीएम कार्यालय में शिकायत की थी.और प्राधिकरण में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले आकाश त्यागी ने भी सीएम कार्यालय में शिकायत की थी. जहां राजेंद्र सिंह ने अपने पत्र में लिखा था कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है. इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के जरिए की गई है.
शिकायतों पर की गई छानबीन
राजेंद्र सिंह, आकाश त्यागी और नीलकमल की शिकायतों पर छानबीन की गई. जिसमें पता चला प्राधिकरण में तैनात अफसरों और कर्मचारियों ने अवैध तरीके से अपने बेटे, बहू, सालों, बेटियों, भतीजे और रिश्तेदारों को नौकरियां दी गई हैं.
तीन सदस्य समिति का किया गठन
जांच के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने 3 सदस्य समिति का गठन किया. जांच रिपोर्ट आने के बाद प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कार्रवाई करते हुए 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया.