38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

UP: चंदौली में 25 साल से रास्ते के लिए तरस रहे स्टूडेंट्स, बारिश में कीचड़ से सराबोर होकर पहुंच रहे स्कूल

फिर भी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. कीचड़ के बीच से गुजरकर ये बच्चे विद्यालय में आते हैं और छुट्टी होने के बाद इसी रास्ते से घर को लौटते हैं. यह नजारा है जनपद चंदौली के सदर ब्लॉक के मसौनी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का है.

Chandauli News: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत है. मगर अधिकारियों की उदासीनता ने सरकार की ख्वाहिश पर पानी फेर दिया है. इसका उदाहरण है जिले का एक विद्यालय जहां आने-जाने का कोई रास्ता ही नहीं है. निर्माण काल से अब तक यानी 25 साल बीत जाने के बाद भी विद्यालय के लिए रास्ता मुहैया नहीं हो पाया. यही नहीं विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे और शिक्षक बारिश के मौसम में घुटनों तक कीचड़ से हो कर विद्यालय पहुंचते हैं. इस दौरान कई बार शिक्षक और बच्चे घायल भी हो चुके हैं.

Also Read: स्कूल बंक कर पार्क और मॉल की सैर करने वाले स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगी एंट्री, बाल अधिकार आयोग का आदेश जारी
नाम है मसौनी प्राथमिक विद्यालय

यह हाल जिला मुख्यालय के पास के एक स्कूल का है. शिक्षक बताते हैं कि हर रोज विकट परिस्थिति में बच्चों को पढ़ाने के लिये उन्हें विद्यालय जाना पड़ता है. सबसे बड़ा खतरा बच्चों को जहरीले जंतुओं से है. यही नहीं छात्रों के और शिक्षकों को कीचड़ से होकर गुजरने का वीडियो भी सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. फिर भी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. कीचड़ के बीच से गुजरकर ये बच्चे विद्यालय में आते हैं और छुट्टी होने के बाद इसी रास्ते से घर को लौटते हैं. यह नजारा है जनपद चंदौली के सदर ब्लॉक के मसौनी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का है.

Also Read: Patna News: बाढ़ के बाद बंद हो गया स्कूल, पांच वर्षों से बच्चों की पढ़ाई ठप, डीपीओ को जानकारी ही नहीं
खेतों से होकर कर रहे सफर 

यहां पर 1997 में प्राथमिक विद्यालय का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन विद्यालय निर्माण के दौरान इस बात का ध्यान ही नहीं रखा गया कि विद्यालय के लिए सड़क मार्ग कहां है. बच्चे हो या शिक्षक हो इस विद्यालय पर कैसे आएंगे जाएंगे. विद्यालय के चारों तरफ ग्रामीणों की जमीनें हैं. जिन्होंने अपने खेतों से रास्ता देने से इनकार कर दिया है. गर्मी और जाड़े में तो बच्चे आराम से खेतों के पगडंडियों से विद्यालय चले जाते हैं. लेकिन बारिश के 3 से 4 महीने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके कई सरकारें आई और गई लेकिन इस विद्यालय को अब तक जाने का रास्ता नहीं मिल पाया. जब विद्यालय में जाने का मार्ग ही नहीं होगा तो बच्चे उस स्कूल में क्यों पढ़ना चाहेंगे या अभिभावक उस स्कूल में बच्चों को क्यों पढ़ाना चाहेंगे? बड़ा सवाल ये है कि क्या जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान जाएगा? क्या इस विद्यालय को मार्ग मिलेगा?

Also Read: वाराणसी में बढ़ने लगा बाढ़ का खतरा, गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से चिंता में पुरोहित, अलर्ट मोड पर प्रशासन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें