27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने से पहले करें चर्चा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड एक गंभीर विषय है. इस पर चर्चा होनी जरूरी है. बोर्ड ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से निकाह और तलाक के मसले भी प्रभावित होंगे.

Uniform Civil Code: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र की एक कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई है. पीएम मोदी को लिखे पत्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि समान नागरिक संहिता को लेकर देश भर में चल रही बहस संविधान सम्मत नहीं है. सरकार का काम जनता की समस्याओं का संधान करना है न कि धार्मिक मसले उत्पन्न करना. इसलिए बोर्ड ने इसे लागू न करने की अपील की है.

निकाह और तलाक के मसले होंगे प्रभावित

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड एक गंभीर विषय है. इस पर चर्चा होनी जरूरी है. बोर्ड ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से निकाह और तलाक के मसले भी प्रभावित होंगे.

Also Read: यूपी में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड? जानें क्या बोले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
मुस्लिम एप्लीकेशन एक्ट के तहत 1937 से मुस्लिम समुदाय को संरक्षण प्राप्त है

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर मोइन अहमद खान ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि सभी धर्मों के लोगों को अपने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार शादी करने की अनुमति है. मुस्लिम समुदाय सहित कई समुदायों को देश को आजादी मिलने के पहले से अपने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार शादी और तलाक के अधिकार प्राप्त हैं. मुस्लिम एप्लीकेशन एक्ट के तहत 1937 से मुस्लिम समुदाय को संरक्षण प्राप्त है.

Also Read: कश्मीर में जैसे अनुच्छेद 370 हटा, वैसे ही देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा: अश्विनी चौबे
धर्मगुरुओं से चर्चा करने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का निर्णय ले सरकार

पत्र में कहा गया कि देश को आजादी मिलने के बाद भी संविधान सभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड के संबंध में हुई बहस में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि इसे लागू करने से पहले केंद्र या राज्य सरकार धार्मिक समुदाय या उनके धर्मगुरुओं से चर्चा करे. इसके बाद ही इसे लागू करने का निर्णय ले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें