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UP में ETS से होगी जमीनों की पैमाइश, मिनटों में खत्म होगा सालों का विवाद, जानें राजस्व विभाग की प्लानिंग

उत्तर प्रदेश में राज्य विभाग अब इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन के जरिए जमीन की पैमाइश संबंधी विवाद को सुलझाने के दिशा में एक बडा कदम उठाने जा रही है. प्रदेश में जमीनों की पैमाइश अब इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ETS) से कराई जाने की योजना है.

Lucknow News: प्रदेश की योगी सरकार जमीनों की पैमाइश संबंधी विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने के दिशा में एक बडा कदम उठाने जा रही है. जमीनों की पैमाइश अब इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ETS) से कराई जाएगी. इस कार्य के लिए जिले की प्रत्येक तहसील में पांच-पांच मशीनें दी जाएंगी.

UP में ETS से होगी जमीनों की पैमाइश

दरअसल, पंजाब और बिहार राजस्व विभाग इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन यानी ईटीएस से ही जमीनों की पैमाइश कराने की व्यवस्था करने जा रहा है. इन दोनों राज्य की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग भी ईटीएस से जमीनों की पैमाइश कराने की दिशा में कार्य कर रहा है. इससे पहले के मामलों में देखा गया है कि आम पैमाइश के बाद भी किसानों में संतुष्टि नहीं देखी जाती थी, और फिर से पैमाइश कराने की समेत अन्य शिकायत समय-समय पर आती रहती हैं. इससे किसान और अधिकारी दोनों का ही समय खराब होता है.

पैमाइश में नहीं आएगा एक सेमी का भी फर्क

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईटीएस मापन प्रक्रिया के बाद किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिलेगी, क्योंकि इसमें आदमियों से जमीन की पैमाईश नहीं कराई जाएगी, बल्कि मशीन से निकलने वाली किरणें जमीन की नपाई करेंगी. इससे एक सेमी का भी फर्क नहीं आएगा. ईटीएस प्रक्रिया में जमीन के एक किनारे पर मशीन और दूसके किनारे पर प्रिज्म रखा जाएगा. मशीन एक प्रिज्म से दूसरे प्रिज्म की दूरी रिकॉर्ड कर लेगी. पैमाइश को अधिक कारगर बनाने के लिए जीपीएस का भी इस्तेमाल किया जाएगा. राजस्व विभाग इसके लिए बकायदा लेखपालों को प्रशिक्षण देगा.

प्रत्येक तहसील को पांच-पांच मशीने दी जाएंगी

उत्तर प्रदेश में कुल 350 तहसीलें हैं, और प्रत्येक तहसील को पांच-पांच मशीने दी जाएंगी. इस हिसाब से कुल 1750 मशीनें खरीदी जानी हैं. इस नई प्रणाली को लेकर राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, राज्य सरकार जमीनों की पैमाइश के नाम पर होने वाली गड़बड़ी और आए दिन आने वाली शिकायतों को रोकने के लिए इस दिशा में कार्य कर रही है. दरअसल, प्रदेश में सबसे अधिक मामले जमीन विवाद को लेकर सामने आते हैं, जिनपर अब रोक लग सकेगी.

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